मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना: अब हर अनाथ का सहारा बनेगी योगी सरकार, जानिए विस्तार से Aligarh News
Chief Minister Child Service Scheme योगी सरकार ने अब प्रदेश के सभी अनाथ बच्चों को आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत मासूमों को यह लाभ मिलेगा। इसमें अब तक केवल कोरोना से अनाथ बच्चों को ही फायदा मिल रहा था।
अलीगढ़, जेएनएन। योगी सरकार ने अब प्रदेश के सभी अनाथ बच्चों को आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत मासूमों को यह लाभ मिलेगा। इसमें अब तक केवल कोरोना से अनाथ बच्चों को ही फायदा मिल रहा था, लेकिन अब अब दायरा बढ़ा दिया है। अब ऐसे सभी किशोरों को भी मदद मिलेगी, जो किसी भी कारण से अनाथ या प्रभावित हुए हों। अलीगढ़ जिले में भी दर्जनों मासूमों को भी इसका फायदा मिलेगा। करीब 50 से अधिक आवेदन को इसी के चलते लंबित पड़े हैं।
येे है योजना
जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने बताया कि जिले में अब तक कोरोना से प्रभावित 76 बच्चों का चयन हो चुका है। इनमें 39 बालिकाएं एवं 37 बालक शामिल हैं। 71 बच्चों के माता-पिता में से किसी की जान गई है। वहीं, पांच बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता.पिता दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। अब सरकार ने इन मासूम की मदद के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की है। इसके तहत 18 साल तक के बच्चों को चार हजार रुपये प्रति महीने के हिसाब से धनराशि दी जा रही है। वहीं, शिक्षा के लिए भी घोषणा हुई है। इसमें बालकों को अटल आवासीय विद्यालय व बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही बालिकाओं के शादी योग्य होने पर विवाह के लिए 1 लाख 1 हजार रूपये की सहायता राशि भी दी जाएगी। वहीं, कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को लैपटाप या टेबलेट मिलेगी। पिछले दिनों इन्हें प्रतीकात्मक स्वीकृति पत्र मिले थे।
कोरोना जांच में फंसी रिपोर्ट
मंगलवार को जिले के सभी चयनित लाभार्थियों के खाते में चार हजार रुपये महीने के हिसाब से प्रत्येक बच्चे के खाते में तीन महीने के लिए 12 हजार की धनराशि भेज दी गई है। इसके साथ ही कोरोना के अलावा अन्य कारणों से अनाथ होने वाले मासूमों को भी लाभ मिलेगा। सरकार ने अब इस योजना का दायरा बढ़ा दिया है। अन्य कारणों से अनाथ होने वाले मासूमों को ढाई हजार रुपये महीने मिलेंगे। डीपीओ स्मिता सिंह ने बताया कि करीब 50 आवेदन पहले से ही इसके इंतजार में थे। इन मासूमों के माता-पिता तो अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन कोरोना जांच रिपोर्ट के चलते यह फंसे हुए थे।