अब संतों को साधेगी भाजपा, चुनाव से पहले हर वर्ग तक पहुंचने का लक्ष्य Aligarh news
प्रदेश की कुर्सी पर योगी आदित्यनाथ बैठे हैं। उनके सीएम बनने से संत समाज गदगद था। हालांकि संतों के लिए कोई उल्लेखनीय काम नहीं हुए मगर चुनाव से पहले भाजपा संतों को साधने का काम करेगी। संत मंदिर के पुजारी मठों के पीठाधीश्वर को सम्मानित किया जाएगा।
अलीगढ़, जेएनएन। प्रदेश की कुर्सी पर योगी आदित्यनाथ बैठे हैं। उनके सीएम बनने से संत समाज गदगद था। हालांकि, संतों के लिए कोई उल्लेखनीय काम नहीं हुए, मगर चुनाव से पहले भाजपा संतों को साधने का काम करेगी। संत, मंदिर के पुजारी, मठों के पीठाधीश्वर को सम्मानित किया जाएगा। जिससे भाजपा की विचारधारा से उनका जुड़ाव हो सके। साथ ही समाज के हर वर्ग तक जाने की भी पार्टी कोशिश करेगी।
विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा
विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपा पूरी शिद्दत से जुट गई है। भले ही पार्टी ने खुलकर चुनाव का शंखनाद न किया हो मगर आगामी कार्यक्रमों से साफ पता चलता है कि पार्टी चुनावी मूड में है। प्रत्येक वर्ग तक पहुंचकर वह संपर्क साधना चाहती है। आगामी सितंंबर तक पार्टी ने कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है। शनिवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेश नेतृत्व की तरफ से कार्यक्रम जारी किया गया है। इसमें मंदिर, मठ और अाश्रमों में जाकर संतों का सम्मान करना है। भाजपा के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों को आदेश दिया गया है कि जिले में प्रत्येक संत को सम्मानित करें, उनका चरण स्पर्श करके आशीर्वाद प्राप्त करें। हालांकि, भाजपा शुरू से संतों का सम्मान करती आई है। राम मंदिर आंदोलन में संतों की अगुवाई में ही आंदोलन की धार दी थी। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल ने संतों को साधकर इस आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाया था। साध्वी ऋतंभरा भी कई बार मंचों से भगवा के समर्थन में दहाड़ चुकी हैं। पार्टी ने कई संतों और साध्वी को जोड़कर आगे बढ़ाने का काम किया है।
संतों के आशीर्वाद से भगवा लहराने का प्रयास
इसबार गुरु पूर्णिमा पर संतों का आशीर्वाद प्राप्त कर चुनाव में भगवा लहराने की कोशिश रहेगी। वहीं, पार्टी प्रत्येक वर्ग तक भी पहुंचने का काम करेगी। इसलिए वैक्सीनेशन का कार्यक्रम भी बूथ स्तर पर रखा गया है। प्रत्येक बूथ पर भाजपा के जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ नेताओं को रहने के निर्देश दिए गए हैं। तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रत्येक बूथ तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। भाजपा इस माध्यम से सभी वर्गों तक पहुंचने की कोशिश करेगी। क्योंकि बूथ की इकाई को सबसे अधिक मजबूत करने का काम भाजपा ने किया है। बूथ अध्यक्ष की अहमियत को बताया है। इसलिए कोई बड़ा आयोजन होने पर पार्टी बूथ अध्यक्ष को राष्ट्रीय नेता के साथ मंच पर बैठाने का काम करती है। पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि बूथ स्तर का कार्यकर्ता उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए बूथ पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं, मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्यक्रम भी प्रारंभ किया गया है। 15 अगस्त से यह कार्यक्रम शुरु होगा। इससे साफ पता चलता है कि पार्टी पूरी तरह से चुनावी मूड में है। वह कार्यक्रमों के माध्यम से अभी शुरुआत कर रही है।