अब भूमिहीन बेघरों के लिए आवास नहीं बनाएगा एडीए, ये है वजह

प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत भूमिहीन बेघरों के लिए लेखराजपुर सहारनपुर व मंजूरगढ़ी में प्रस्तावित योजनाओं को एडीए (अलीगढ़ विकास प्राधिकरण) ने फिलहाल स्थगित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 07:12 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 07:12 AM (IST)
अब भूमिहीन बेघरों के लिए आवास नहीं बनाएगा एडीए, ये है वजह
मंजूरगढ़ी में प्रस्तावित योजनाओं को एडीए ने फिलहाल स्थगित कर दिया है।

 अलीगढ़, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत भूमिहीन बेघरों के लिए लेखराजपुर, सहारनपुर व मंजूरगढ़ी में प्रस्तावित योजनाओं को एडीए (अलीगढ़ विकास प्राधिकरण) ने फिलहाल स्थगित कर दिया है। पिछले दिनों प्राधिकरण की ओर से शासन में इसके लिए पत्र लिख दिया गया है। इसमें नए आवासों का निर्माण न करने की बात कही गई है। शहर में इन पीएम आवास की मांग कम होने के चलते यह निर्णय लिया गया है। लोग मुफ्त आवास की मांग करते हैं, लेकिन प्राधिकरण साढ़े लाख रुपये में इनका आवंटन कर रहे हैं। इनमें ढाई लाख की सब्सिडी मिलती है। वहीं, चार लाख किस्तों में चुकाने होते हैं।

ऐसे हुई थी शुरूआत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का मकसद 2022 तक हर जरूरत मंद को आवास देना था। शहर व देहात में अलग-अलग विभागों को आवास निर्माण की जिम्मेदारी दी गई। देहात क्षेत्र में जिला ग्राम्य विकास अभिकरण विभाग को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी मिली है। वहीं, शहरी क्षेत्र में डूडा व एडीए को काम मिला। जिन लोगों के पास न्यूनतम 21 वर्गगज जमीन है, योजना में उन्हें आवास निर्माण के लिए सरकार ढाई लाख रुपये देती है। वहीं, जिनके पास जमीन नहीं है, उन्हें सरकार आवास बना कर दे रही है। शहर में आवास निर्माण की जिम्मेदारी एडीए को मिली है। 2018 में एडीए ने बरौला जाफराबाद में आवास निर्माण की शुरुआत की थी। इसके तहत पहले चरण में कुल 156 आवासों पर काम शुरू हुआ।

लोग नहीं दिखा रहे दिलचस्पी

प्राधिकरण ने पीएम आवास योजना के तहत इन आवासों की कीमत साढ़े छह लाख रुपये तय की है। इसमें आवंटी को ढाई लाख रुपये की सब्सिडी मिलती है। वहीं, चार लाख रुपये किस्तों में देने होते हैं, लेकिन शहर के लोग इतनी धनराशि देने को भी तैयार नहीं हैं। इसके चलते इन आवासों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिख रहे हैं। प्राधिकरण पिछले तीन सालों में 156 आवासों का भी आवंटन नहीं कर सका हैं। कई बार आवेदन करने के बाद यह आवंटी मिले हैं। ऐसे में अब नए आवास न बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए शासन में पत्र लिख दिया गया है।

तीन योजनाएं हुईं स्थगित

 बरौला जाफराबाद के बाद शहर के निकट मंजूरगढ़ी, सहारनपुर व लेखराजपुर में करीब आठ हजार अावास बनने थे, लेकिन लोगों की कम दिलचस्पी को देखते हुए प्राधिरकण ने इन योजनाओं को स्थगित कर दिया है। इसके लिए शासन में पत्र लिख दिया गया है। जबकि, इन सभी की डीपीआर बन चुकी है।

बजट का भी है रोना

प्राधिकरण भले ही लोगों की कम दिलचस्पी बताकर योजनाओ को निरस्त कर रहा हो, लेकिन अंदरखाने बजट भी इसमें बड़ी समस्या है। 156 आवासों का भी प्राधिकरण समय से निर्माण नहीं कर सकता हैं। अब तक यहां पर लोगों को गृह प्रवेश का मौका नहीं मिला है। बजट में भी देरी हो रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर के लोगों की फिलहाल मांग कम हैं। ऐसे में अब नए आवास न बनाने का निर्णय लिया गया है। शासन में इसके लिए पत्र लिख दिया गया है। प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति भी ठीक नहीं है।

अर्जनु सिंह तोमर, प्रभारी सचिव

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