Yamuna Expressway : अलीगढ़ में अब ऐसे सुलझेगा एक दशक पुराना विवाद, जानिए क्या था विवाद Aligarh News
यमुना एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए एक दशक पहले ली गई जमीन के मुआवजे को लेकर चले आ रहे विवाद के अब सुलझने की उम्मीद जगी है। प्रशासन ने 250 किसानों के लिए 81 करोड़ का बजट बनाकर एक्सप्रेस वे प्राधिकरण को भेजा है।
अलीगढ़, जेएनएन। यमुना एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए एक दशक पहले ली गई जमीन के मुआवजे को लेकर चले आ रहे विवाद के अब सुलझने की उम्मीद जगी है। प्रशासन ने 250 किसानों के लिए 81 करोड़ का बजट बनाकर एक्सप्रेस वे प्राधिकरण को भेजा है। विवाद के चलते इन किसानों ने अधिगृहण के दौरान मुआवजा नहीं लिया था। हालांकि, जमीन भले ही यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के नाम गई हो, लेकिन अधिकतर जमीन पर अभी कब्जा किसानों का ही है।
यमुना एक्सप्रेस वे निर्माण
2010-11 में यमुना एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान टप्पल ब्लाक के भी पांच गावं से भूमि का अधिगृहण किया गया था। इसमें कुल 580 हेक्टेअर भूमि अधिग्रहण का करार हुआ। कीमत तय हुई 436 वर्गमीटर के हिसाब से, जबकि गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर क्षेत्र में किसानों को 888 रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा था। इससे चलते टप्पल के किसान इसका विरोध कर रहे थे। सभी पांच गांव के लोग 2011 में जिकरपुर गांव में धरने पर बैठ गए। कुछ दिनों में यह धरना उग्र रूप में बदल गया। पुलिस व किसानों के बीच जमकर झड़प हुई। इसमें तीन किसान व एक पीएसी कर्मी की मौत हो गई है। इसके बाद राहुल गांधी समेत कई नेता धरने पर पहुंचे।
मुआवजे को लेकर हाईकोर्ट में अपील
इसी दौरान कुछ किसानों ने मुआवजे को लेकर हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी। वहीं कुछ ने पुरानी कीमत से ही मुआवजा ले लिया। अब बाकी किसानों का तभी से मामला लंबित चल रहा है। वहीं, अब पिछले दिनों किसानों की सहमति के आधार पर प्रशासन ने करीब 81 करोड़ रूपए की डिमांड तैयार यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण को भेज दिया है। उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही इसको लेकर मुआवजे की धनराशि किसानों को दी जा सकती है। एसएलएओ संजीव ओझा ने बताया कि डिमांड बनाकर भेज दी गई है। अब आगे का फैसला वहीं से होना है।