हाथरस में फर्जी प्रमाणापत्र से चुनाव जीतने वाली महिला प्रधान को नोटिस, ये दी चेतावनी

सासनी की ग्राम पंचायत चंदैया की नवनिर्वाचित प्रधान अंजू देवी पत्नी धर्मवीर सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उनका जाति प्रमाणपत्र जांच में फर्जी पाया गया है। जिलाधिकारी रमेश रंजन ने उन्हें नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर साक्ष्य प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 05:52 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 05:52 PM (IST)
हाथरस में फर्जी प्रमाणापत्र से चुनाव जीतने वाली महिला प्रधान को नोटिस, ये दी चेतावनी
जिलाधिकारी रमेश रंजन ने 15 दिनों के भीतर साक्ष्य प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

हाथरस, जेएनएन। सासनी की ग्राम पंचायत चंदैया की नवनिर्वाचित प्रधान अंजू देवी पत्नी धर्मवीर सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उनका जाति प्रमाणपत्र जांच में फर्जी पाया गया है। जिलाधिकारी रमेश रंजन ने उन्हें नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर साक्ष्य प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर ग्राम प्रधान के आधिकार सीज करने के साथ-साथ उन्हें पद से भी हटाया जा सकता है।

यह है मामला

ग्राम पंचायत चंदैया की नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान अंजू देवी के खिलाफ हिमांशु सेंगर सहित अन्य लोगों ने शिकायत की थी। इसमें आराेप था कि अंजू देवी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र क्रमांक 131213001109 प्रधानी के दस्तावेजों में लगाया है। पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित सीट के लिए जाट बिरादरी का फर्जी जाति प्रमाणपत्र तैयार कराकर अंजू देवी ने प्रधानी का चुनाव लड़ा है, जबकि उनके पति धर्मवीर सिंह सामान्य श्रेणी की ठाकुर बिरादरी के हैं। डीएम ने शिकायत के बाद चार सदस्सीय कमेटी गठित कर जांच कराई। कमेटी ने नियमानुसार महिला के मायके ग्राम चिपियाना खुर्द तहसील दादरी जिला गौतमबुद्धनगर से रिपोर्ट मंगाई। दादरी तहसील से प्राप्त जांच आख्याओं की छाया प्रति संलग्न कर तहसीलदार दादरी से सत्यापन कराया गया। जांच में सामने आया कि अंजू देवी के प्रमाणपत्रों के संबंध में तहसील दादरी के किसी अधिकारी के हस्ताक्षर और मुहर नहीं हैं।

समिति की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने अंजू देवी का फर्जी जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही उन्हें नोटिस देकर 15 दिनों के भीतर साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा है। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि नियत समय में संतोषजनक जवाब नहीं देने पर ग्राम प्रधान अंजू देवी के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारी सीज कर दिए जाएंगे। पंचायत राज अधिनियमत 1947 की धारा 95 (2) छह के आधार पर आरक्षण का कूटरचित तरीके से लाभ लेने का दोषी मानते हुए पदच्युत किया जा सकता है।

पहले ही दर्ज कराया गया था मुकदमा

महिला प्रधान अंजू देवी के संबंध में शिकायत मिलने पर तहसीलदार सासनी ने जांच कराई थी। अंजू देवी के मायके तहसीर दादरी में जाति प्रमाणपत्र से संबंधिति कोई दस्तावेज नहीं मिलने पर लेखपाल नरेन्द्र सिंह ने अंजू देवी के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार कराने का मुकदमा दर्ज सात दिन पहले कराया था।

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