एएमयू के सभी शिक्षकों काे नहीं लगा था Corona टीका, परिजनों पर टूटा गमों का पहाड़

कोरोना की दूसरी लहर में जान गंवाने वाले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के परिजनों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। अधिकांश परिवार तो ऐसे हैं जिनके बच्चे छोटे हैं। पढ़ाई कर रहे हैं। शादी भी नहीं हुई है

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 07:13 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 07:13 AM (IST)
एएमयू के सभी शिक्षकों काे नहीं लगा था Corona टीका, परिजनों पर टूटा गमों का पहाड़
कोरोना काल में एएमयू को बड़ा नुकसान हुआ है। एक माह में 19 शिक्षकों की जान चली गई।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर में जान गंवाने वाले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के परिजनों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। अधिकांश परिवार तो ऐसे हैं जिनके बच्चे छोटे हैं। पढ़ाई कर रहे हैं। शादी भी नहीं हुई है। चौकाने वाली बात ये भी है कि जिन शिक्षकों की कोरोना से मौत हुई है उनमें से अधिकांश का टीकाकरण नहीं हुआ था। जिन शिक्षकों का टीकाकरण हुआ थो वो संक्रमित होने पर ठीक भी जल्दी हो गए। 
एएमयू को बड़ा नुकसान
कोरोना काल में एएमयू को बड़ा नुकसान हुआ है। एक माह में 19 शिक्षकों की जान चली गई। इनके अलावा कई सेवानिवृत्त प्रोफेसर व अनय कर्मचारी भी काल के गाल में समा गए। कानून संकाय के डीन प्रो. शकील अहमद समदानी के परिवार में पत्नी, एक बेटा व दो बेटी हैं। बेटा कानून संकाय से ही लॉ कर रहा है। जबकि एक बेटी एमबीबीएस की छात्रा है।  दूसरी लेडी फाितजेएन मेडिकल कालेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के चेयरमैन प्रो.  प्रो. शादाब ए खान भी अपने पीछे पत्नी, एक बेटा व बेटी छोड़ गए हैं। संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रो. खालिद बिन यूसफ की दो बेटी और एक बेटा है।  इनके अलावा अन्य शिक्षकों के बच्चे भी  छोटे-छोटे हैं। घर का मुखिया जाने से खिलखिलाता परिवार बिखर गया है। शिक्षकों के निधन के बाद ये बात भी सामने आई है कि अधिकांश का टीकाकरण नहीं हुआ था। कंप्यूटर साइंस विभाग के डा. रफीक उज्जमा की एक ही डोज लग पाई थी। जेएन मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल प्रो. शाहिद सिद्दीकी ने बताया कि कैंपस में किन-किन शिक्षकों का टीकाकरण हुआ है उसकी जानकारी जुटाई जा रही है। ये बात भी सही है कि जिन शिक्षकों ने टीका लगवाया था वो संक्रमित होने पर ठीक हो गए। आर्थोपैडिक डिपार्टमेंट के डा. मोहम्म्द जाहिद भी उनमें से हैं। टीका लगने के बाद ये संक्रमित हुए जो ठीक होकर घर चले गए। 
 
दो बहनों पर टूटा गमों का पहाड़ा  
जेएन मेडिकल कालेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के चेयरमैन प्रो. शादाब ए खान और इसी विभाग के प्रो शोएब जहीर रिश्ते में साढू थे। प्रो. शादाब के निधन के कुछ दिन बाद ही प्रो. जहीर का निधन हो गया। उनके निधन से दोनों बहनों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके इकलौते भाई की मौत भी हुई थी। दोनों के बच्चे भी छोटे-छोटे हैं। 
 
भाई के बाद बहन की भी मौत 
एएमयू के मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के सेवानिवृत्त प्रोफेसर की पत्नी का बुधवार को निधन हो गया। कोरोना संक्रमित होने पर उनका जेएन मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा था। इनके भाई व आमआदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष परवेज अहमद की कोरोना से पिछले सप्ताह निधन हो गया था। बहन-भाई के निधन से परिवार में 
 
परिजन लगवा रहे टीका 
अपनों खो चुके परिजन अब टीकाकरण के आगे आ रहे हैं। खुद तो टीका लगवा ही रहे हैं अनय लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। प्रो. शकील समदानी के बेटा व बेटी ने टीका लगवा लिया है। प्रो. खालिद बिन यूसुफ के बच्चे भी तैयारी में लगे हुए हैं। मेडिकल में बहुत से शिक्षक, छात्र व डाक्टर टीका लगवाने के लिए अफसरों को फोन कर रहे हैं।  उन्हें समझाया जा रहा है कि अब बिना रजिस्ट्रेशन के टीका नहीं लग सकता। 
 
 
टीकाकरण के लिए जागरूकता को लिखे थे पत्र 
जेएन मेडिकल कालेज में जब कोरोना का टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था तब लगवाने वालों का वहां टोटा रहता था।  एएमयू इंतजािमया से लेकर सीएमओ इससे भलि भांति परिचित हैं। सीएमओ ने इसके लिए मेडिकल कालेज प्रशासन को पत्र भी लिखा था। एएमयू के कुछ प्रोफेसरें तो टीकाकरण के प्रति शिक्षक, कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए एएमयू प्रशासन को पत्र तक लिखे गए थे।  कुलपति, मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल से लेकर अन्य जिम्मेदार अफसरों ने टीका लगवाने की अपील भी की थी। 
 
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