सरकार से खैरात नहीं, तंत्र का सकारात्मक नजरिया चाहिए : अलीगढ़ में बोले आइआइए के अध्यक्ष
कहा केंद्र व राज्य सरकारें आनलाइन सुविधा के नाम का ढिंढोरा पीट रही हैं जबकि अफसर बिना आफलाइन के फाइल नहीं बढ़ाते हैं।
जासं, अलीगढ़ : इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आइआइए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें आनलाइन सुविधा के नाम का ढिंढोरा पीट रही हैं, जबकि अफसर बिना आफलाइन के फाइल नहीं बढ़ाते हैं। सरकार से हम खैरात (सब्सिडी) नहीं मांग रहे, हमें उद्यमियों के प्रति अफसरों का सकारात्मक नजरिया चाहिए। यह सिस्टम सही हो गया तो उद्योगों के विकास के रास्ते सुगम हो जाएंगे।
अग्रवाल अलीगढ़ चैप्टर के अधिष्ठापन समारोह में भाग लेने आए थे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने का दम भर रही है। जबकि, जमीनी सच्चाई ये है कि उद्यमियों को भ्रष्टाचार का शिकार होना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम के प्रदेशभर में औद्योगिक क्षेत्र हैं। इस विभाग में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। फैक्ट्री के भूखंड के ट्रांसफर से लेकर नए प्लाटों की आवंटन तक की प्रक्रिया बिना रिश्वत नहीं होती है। सरकार ने ई मित्र निवेश पोर्टल लांच किया है। इस पोर्टल पर सामान्य उद्यमी आनलाइन आवेदन प्रक्रिया तक नहीं कर सकते है। किसी तरह से हो भी जाए तो विभाग आफलाइन भी फाइल मांगते है। फायर, प्रदूषण व अन्य विभाग अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए चक्कर लगवाते हैं।
अग्रवाल ने सरकार को सुझाव दिया है कि फायर व प्रदूषण सहित अन्य एनओसी के लिए निजी संस्थानों को लाइसेंस जारी करे। निजीकरण होने पर भ्रष्टाचार पर लगाम कस जाएगी। कोविड से उबारने के लिए केंद्र सरकार से जारी फंड पर अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने मदद की जगह उद्यमियों को कर्ज दिया है। उद्यमियों की कमाई को सरकार किसान व अन्य वर्ग में सब्सिडी के नाम पर लुटा रही है। सरकार को उद्योगों से जुटाए जाने वाले राजस्व को उद्योगों के विकास पर ही खर्च करना चाहिए।