NIOS : आर्थिक तंगी है या पढ़ाई छूट गई तो एनआईओएस बनेगा सहारा

कई बार देखने में आता है की आर्थिक तंगी के चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो जाती है या फिर किन्हीं अन्य कारणों से विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो जाता है। मगर अब ऐसे विद्यार्थियों जिनकी आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई छूट गई है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:50 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:50 AM (IST)
NIOS : आर्थिक तंगी है या पढ़ाई छूट गई तो एनआईओएस बनेगा सहारा
बच्चों को वापस शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया जाएगा।

अलीगढ़, जेएनएन। कई बार देखने में आता है की आर्थिक तंगी के चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो जाती है या फिर किन्हीं अन्य कारणों से विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो जाता है। मगर अब ऐसे विद्यार्थियों जिनकी आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई छूट गई है या किसी अन्य कारणों से वे पढ़ाई को जारी नहीं रख पा रहे हैं, ऐसे में एनआइओएस यानी नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग के जरिए उनकी मदद की जाएगी। पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को वापस शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया जाएगा।

छात्रों को मुख्‍य धारा से जोड़ने की तैयारी

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग के जरिए, पढ़ाई छोड़ चुके विद्यार्थियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की जिम्मेदारी माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य को दी गई है। उनको इस संबंध में विद्यार्थियों को अवगत कराना है और इस अभियान का प्रचार प्रसार भी करना है। इसकी रिपोर्ट भी शिक्षा अधिकारियों को सौंपी जाएगी। इस नई व्यवस्था के तहत माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ने वाले पूर्व-छात्र छात्राओं का डेटा तैयार किया जाएगा। जो बीच में पढ़ाई छोड़ कर चले गए। इसका कारण चाहे आर्थिक परेशानी रहा हो या कोई अन्य कारण रहा हो दोनों ही सूरत हो में ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षा की धारा से जोड़ा जाएगा। इनको शिक्षित करने के लिए विद्यालयों में इनके दाखिले कराए जाएंगे दाखिला कराने से पहले इनकी शैक्षिक योग्यता व दक्षता को परखा जाएगा। जिस कक्षा के हिसाब से बच्चों का ज्ञान होगा उन्हें उसी कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। हालांकि अभी यह भी व्यवस्था बनने की बात सुनने में आ रही है कि ऐसे बच्चों को अतिरिक्त कक्षाएं चलाकर पढ़ाया जाएगा।

डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि एनआइओएस के जरिए निर्धन व साधनविहीन बच्चों को शिक्षित करने का काम किया जाएगा। माध्यमिक विद्यालयों से पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार कराई जाएगी। इसके संबंध में सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं

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