Preparation for assembly elections : सियासी मैदान में इस बार उतर रहे हैं नये योद्धा, भाजपा की बढ़ी मुसीबत Aligarh news

भाजपा में इस बार विधानसभा टिकट को लेकर जमकर संघर्ष होने वाला है। कई नए योद्धा मैदान में उतर रहे हैं। कोल विधानसभा से तो 20 से अधिक नेता दावेदारी कर रहे हैं। इसमें युवा नेता भी हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 10:16 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 12:41 PM (IST)
Preparation for assembly elections : सियासी मैदान में इस बार उतर रहे हैं नये योद्धा, भाजपा की बढ़ी मुसीबत Aligarh news
भाजपा में इस बार विधानसभा टिकट को लेकर जमकर संघर्ष होने वाला है।

अलीगढ़, जेएनएन।  भाजपा में इस बार विधानसभा टिकट को लेकर जमकर संघर्ष होने वाला है। कई नए योद्धा मैदान में उतर रहे हैं। कोल विधानसभा से तो 20 से अधिक नेता दावेदारी कर रहे हैं। इसमें तमाम युवा नेता भी हैं तो मैदान में ताल ठोकने के लिए जमीन बनाने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा के लिए कड़ा संघर्ष होगा कि किसे टिकट दिया जाए और किसे मना किया जाए। पार्टी अधिक लोगों को नाराज भी नहीं कर सकती है।

भाजपा के लिए टिकट का बंटवारा मुश्‍किल भरा

भाजपा के लिए इस बार टिकट बंटवारा बहुत मुश्किल का काम होगा। एक-एक सीट पर 20 से 25 दावेदार अपना दावा ठोक रहे हैं। भाजपा के लिए मुसीबत यह होगी कि किस कार्यकर्ता को मना करें और किसे टिकट दें। सभी को पता है कि टिकट सिर्फ एक को ही मिलना है, शेष जिन्हें टिकट नहीं मिलेगा वो स्वभाविक रुप से नाराज होंगे। ऐसे में चुनाव के समय भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। भाजपा ने प्रदेश में 2002 के बाद से मानों अपनी जमीन ही खो दी थी। संगठनात्मक रुप से सशक्त और मजबूत होने के बाद भी प्रदेश में सत्ता में नहीं आ पा रही थी। सपा-बसपा के बीच में ही सत्ता का खेल चलता रहा। ऐसे में 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश के कार्यकर्ताओं को संजीवनी मिली। प्रदेश के कार्यकर्ताओं को लगा कि अब कमल के दिन आ रहे हैं। इसलिए वो जोर-शोर से मेहनत करने लगे। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट के दावेदारों की फौज खड़ी हो गई। हालांकि, उस बार फिर भी एक लिमिट थी, इस बार टिकट के दावेदारों में तमाम युवा कार्यकर्ता भी ताल ठोकने की तैयारी में हैं।

युवाओं को अधिक महत्‍व

उनका कहना है कि पार्टी के लिए उन्होंने संघर्ष किया है। भाजपा में परिवर्तन भी हुआ है। युवाओं को अधिक महत्व दिया जा रहा है, ऐसे में यदि उन्हें पार्टी मौका देती है तो वो विधानसभा क्षेत्र का कायाल्प कर देंगे। क्योंकि उनके पास नई सोच और नया विजन है। उसी के माध्यम से वो आगे बढ़ने का काम करेंगे। कोल विधानसभा क्षेत्र से कुछ युवा कार्यकर्ता टिकट के लिए लग गए हैं। वो युवाओं को रोजगार से जोड़ने का काम कर रहे हैं। गांव-गांव सर्वे कराकर युवाओं को उनके अनुसार नौकरी से जोड़ने का काम करेंगे। हालांकि, यह काम इतना आसान नहीं हैं, मगर नेताजी को भरोसा है कि उनका यह मिशन कामयाब होगा। उनके इस मिशन की भाजपा के प्रदेश सह संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने तारीफ भी की थी। इसलिए नेताजी पूरे जोशोखरोश के साथ मैदान में डटे हुए हैं। इसी प्रकार से छर्रा विधानसभा क्षेत्र से भी भाजपा के कुछ युवा नेता मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि छर्रा क्षेत्र के वो रहने वाले हैं। वहां की जनता उन्हें बेइंतहा प्रेम करती है, इसलिए उन्हें मौका मिलना चाहिए। अब जबकि पार्टी जाति-क्षेत्र से ऊपर उठकर सिर्फ कर्मठ और निष्ठावान कार्यकर्ता को मौका दे रही है, ऐसे में वो किसी भी चीज में पीछे नहीं हैं। कमोवेश यही स्थिति बरौली विधानसभा सीट पर भी है। यहां भी युवा नेता मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। इन नेताओं का तर्क है कि बरौली विधानसभा क्षेत्र दो वीरों के बीच से निकलकर बाहर नहीं आई है। अब जनता परिवर्तन चाहती है, इसलिए इस बार वो पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरेंगे। भाजपा के लिए यही ताल ठोकने वाले नेता पसीना छुड़ाने का काम करेंगे। क्योंकि टिकट के समय भाजपा के सामने समस्या खड़ी होगी कि किसे टिकट दें और किसे मना करें? फिलहाल भाजपा इस समय संगठन पर विशेष ध्यान दे रही है।

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