नए सत्र से सीधे शासन करेगा गुरुजनों से जवाब-तलब, बढ़ी टेंशन Aligarh News

सरकारी स्कूलों में नया सत्र एक अप्रैल से शुरू होगा। इसके लिए विद्यार्थियों के नामांकन बढ़ाने की प्रक्रिया अभी से शुरू कर दी गई है। शिक्षकों को भी नए ढर्रे के साथ पढ़ाने व स्कूलों में व्यवस्थाएं बनाने के संबंध में निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 10:36 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 10:36 AM (IST)
नए सत्र से सीधे शासन करेगा गुरुजनों से जवाब-तलब, बढ़ी टेंशन Aligarh News
सरकारी स्कूलों में नया सत्र एक अप्रैल से शुरू होगा।

अलीगढ़, जेएनएन। सरकारी स्कूलों में नया सत्र एक अप्रैल से शुरू होगा। इसके लिए विद्यार्थियों के नामांकन बढ़ाने की प्रक्रिया अभी से शुरू कर दी गई है। शिक्षकों को भी नए ढर्रे के साथ पढ़ाने व स्कूलों में व्यवस्थाएं बनाने के संबंध में निर्देश जारी किए जा रहे हैं। मगर नए सत्र से शिक्षकों की टेंशन भी बढ़ने वाली है। क्याेकिं सीधे शासनस्तर से शिक्षक-शिक्षिकाओं से सवाल किए जाएंगे। इनका जवाब देना भी हर शिक्षक के लिए अनिवार्य होगा। इसलिए शिक्षण से संबंधित तैयारी व व्यवस्थाओं के संबंध में शिक्षकों को पूरी जानकारी के साथ स्कूल आना होगा। जवाब न देने वाले शिक्षकों की सूची शासन से ही मानव संपदा पोर्टल पर डाली जाएगी। फिर स्थानीय अधिकारी उन पर कार्रवाई करेंगे।

यह है शासन की योजना

नए सत्र कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में अब गुरुजनों की स्कूल आने में मनमानी करने पर इंटेरेक्टिव वाइस रिस्पांस सिस्टम (आइवीआरएस) से नकेल लगाने का काम किया जाएगा। नए सत्र से सरकारी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू होगी। इसके तहत सुबह पहली कक्षा के संचालन से लेकर अंत तक कभी भी शासन से फोन काल आ सकती है। शिक्षकों के माेबाइल नंबर शासन के पास मानव संपदा पोर्टल के जरिए सुरक्षित किए गए हैं। फोन काल पर शिक्षकों से 10 सवालों के जवाब मांगे जाएंगे। इससे पता लगाया जाएगा कि वो अपने विद्यालय से संबंधित शिक्षण कार्य की योजनाओं पर कितना काम कर रहे हैं। जल्द ही शासन की ओर से टैबलेट भी उपलब्ध कराने की योजना है। इसके जरिए ही शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति लगाने का काम होगा। इसी पर इंटरनेट के जरिए काल की जाएगी। हालांकि शिक्षकों ने इस पर इंटरनेट की सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों में दुरुस्त न होने का हवाला देते हुए इसका विरोध भी किया लेकिन भारत नेट योजना के तहत विद्यालयों को फाइबर आप्टिकल नेट से जाेड़ने का काम भी किया जा रहा है। जिससे उनका ये विरोध मायने नहीं रख सकेगा। इस नए कदम से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों में टेंशन भी हो गई है।

बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि, प्रधानाध्यापक या इंचार्ज प्रधानाध्यापक से शिक्षण कौशल, शिक्षा को सुधारने के लिए किए गए प्रयासों व योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में सवाल पूछे जाएंगे। ये काल रिसीव कर जवाब देना हर शिक्षक के लिए अनिवार्य होगा। जवाब न देने वाले शिक्षकों पर शासनस्तर से ही स्पष्टीकरण मांगकर कार्रवाई की जाएगी। स्कूल खुलने पर इस संबंध में व्यवस्थाएं की जाएंगी।

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