अलीगढ़ में विवादित जमीन पर आमने-सामने आए नगर निगम व ट्रस्ट, हंगामा

रावणटीला में पोखर की सफाई करने पहुंची नगर निगम की टीम का विरोध ट्रस्ट ने निजी भूमि बताकर लगाए आरोप स्टे आर्डर का दिया हवाला पोकलैंड मशीन के आगे बैठ गए ट्रस्ट के सदस्य सफाई कार्य रुकवाया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 12:34 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 12:34 AM (IST)
अलीगढ़ में विवादित जमीन पर आमने-सामने आए नगर निगम व ट्रस्ट, हंगामा
अलीगढ़ में विवादित जमीन पर आमने-सामने आए नगर निगम व ट्रस्ट, हंगामा

जासं, अलीगढ़ : रावणटीला में एक विवादित भूमि को लेकर रविवार को घंटों हंगामा हुआ। पोखर की सफाई करने पहुंची नगर निगम की टीम का श्री माहौर वैश्य विद्या प्रचार ट्रस्ट के सदस्यों ने यह कहते हुए विरोध किया कि यहां ट्रस्ट की जमीन है। सीमांकन किए बिना नगर निगम कोई काम नहीं करा सकता है। नगर निगम अधिकारियों ने क्षेत्रीय लोगों की शिकायत पर सफाई कार्य का हवाला दिया। इसको लेकर शाम तक हंगामा चला। बड़ी संख्या में पुलिस पहुंच गई। ट्रस्ट के सदस्यों ने पोकलैंड मशीन के आगे बैठकर सफाई कार्य रुकवा दिया। ट्रस्ट के सदस्यों को सोमवार को सुबह 10 बजे जमीन से जुड़ी पत्रावलियों के साथ सेवाभवन बुलाया गया है।

रावण टीला पोखर की भूमि पर सुरेंद्र नगर पानी की टंकी बनी हुई है। सुबह 11 बजे नगर निगम की टीम पोकलैंड मशीन लेकर यहां पहुंच गई और पोखर में जमी कीचड़ को निकालने लगी। कुछ समय बाद ही ट्रस्ट के सदस्य पहुंच गए और यह कहकर विरोध करने लगे की स्टे आर्डर के बाद भी नगर निगम निजी भूमि पर कब्जा ले रहा है। हंगामा बढ़ने पर सहायक नगर आयुक्त राजबहादुर सिंह, संपत्ति विभाग के विजय गुप्ता व अन्य स्टाफ भी पहुंच गया। पुलिस को बुला लिया गया। ट्रस्ट के सदस्य व महाउरु विद्यालय के प्रबंधक नारायण हरि ने बताया कि गाटा संख्या 11 में ट्रस्ट की 5236 वर्गगज जमीन है, जो एक जनवरी 1966 को दाखिल खारिज हो चुकी है। खतौनी में मंत्री पद अंकित है। जब भी यहां बाउंड्री कराना चाहते हैं तो अड़ंगा लगा दिया जाता है। 2018 में डीएम, तहसील और नगर निगम के खिलाफ वाद दायर किया था। कोर्ट ने पैमाइश कराकर डीएम को गतिरोध खत्म करने के आदेश दिए। पैमाइश कराई गई, लेकिन सीमांकन गलत कर कोर्ट में प्रपत्र दाखिल कर दिए। इस पर आपत्ति की और हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने प्रकरण लोअर कोर्ट में रेफर कर दिया। 22 नवंबर, 2018 को कोर्ट ने स्टे आर्डर जारी कर किसी भी तरह के निर्माण, दखल पर रोक लगा दी। तभी से आदेश लागू है। ट्रस्ट की जमीन पर ही महाउरु विद्यालय संचालित है। नगर निगम अधिकारियों को यही बात समझाने की कोशिश की तो वे मानने को तैयार ही नहीं थे। ट्रस्ट के सदस्य व भाजपा नेता मानव महाजन भी पहुंच गए और विरोध जताया। शाम छह बजे तक चले हंगामे के दौरान कई बार निगम अधिकारियों से तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस ने हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों को अलग किया।

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रावण टीला में नगर निगम की पोखर है। पैमाइश कराकर कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर चुके हैं। कोर्ट ने स्टे आर्डर दिया है, जिसमें नगर निगम हस्तक्षेप नहीं कर रहा है। क्षेत्र में गंदगी, जलभराव की समस्या रहती है। बारिश में परेशानी न बढ़े, इसके लिए पोखर की सफाई करा रहे थे। विवादित भूमि पर किसी का स्वामित्व तय नहीं किया जा रहा था। कोर्ट के भी आदेश हैं कि सफाई होनी चाहिए, चाहे नगर निगम कराए या दूसरा पक्ष। इसके लिए दूसरे पक्ष को सोमवार को बुलाया गया है।

राजबहादुर सिंह, सहायक नगर आयुक्त

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