Corona से पस्त एमएसएमई को अब मिली आर्थिक ताकत, ये अपनाई रणनीति
कोरोना संकट के चलते 22 मार्च 2020 को जनता कफ्र्यू घोषित किया था। इसके बाद पीएम ने देश में लाकडाउन घोषित कर दिया। संक्रमण से बढ़ती मरीजों की संख्या और मौत के कारण जून तक देशभर में कोहराम जैसे हालत थे।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना संकट से पस्त अति सूक्ष्म लघु कुटीर मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को सरकार ने आर्थिक ताकत दी है। 225 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया गया है। इस राशि से व्यवसायिक अकाउंट की सीसी लिमिट बढ़ाकर उद्यमियों को रियायती ब्याज दरों पर लोन दिया जा रहा है। इस तरह से अब तक ताला-हार्डवेयर, आर्टवेयर, आयरन, बिजली फिटिंग उत्पाद आदि की 5500 से अधिक यूनिटों की मदद की गई है।
यह थे हालात
कोरोना संकट के चलते 22 मार्च 2020 को जनता कफ्र्यू घोषित किया था। इसके बाद पीएम ने देश में लाकडाउन घोषित कर दिया। संक्रमण से बढ़ती मरीजों की संख्या और मौत के कारण जून तक देशभर में कोहराम जैसे हालत थे। एनसीआर सहित देश के अनेक शहरों से नौकरी पेशेवर लोगों ने पलायन कर दिया था। देश में कोविड-19 प्रोटोकाल के पालन के लिए सरकार ने सख्ती बरती। इसके बाद इस साल अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर आई। इस बीच सरकार ने उद्योगों को आर्थिक संकट से उभारने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की। आत्मनिर्भर भारत के तहत अलीगढ़ को भी विशेष पैकेज में हिस्सेदारी मिली। जनरल इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (जीईसीएल) के जरिये महानगर की लाक्स एंड हार्डवेयर व आर्टवेयर की उत्पादन यूनिटों को सीसी लिमिट बढ़ाकर बैंकों ने लोन दिया। जिला उद्योग के उपायुक्त श्रीनाथ पासवान ने बैठक कर आर्थिक तंगी से जूझ रहे कारोबारियों की पीड़ा को जाना और राहत के लिए विभाग की टीम सक्रिय की। क्रेडिट लिंकेज के आनलाइन आवेदनों पर लीड बैंक मैनेजर अनिल कुमार सिंह ने तेजी से कार्रवाई कराई। अभी भी इस योजना से उद्यमियों को लाभ देने में विभाग जुटा हुआ है।
नहीं रुकी बैंक अफसरों की मनमानी
स्कूल व ट्रेवलिंग बैग निर्माता सूरज श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना संकट से पस्त हुए कारोबार से हम अभी भी जूझ रहे हैं। बहुत से ऐसे सेक्टर हैं, जिनमें कोविड प्रोटोकाल की कड़ी शर्तों का पालन हो रहा है। इनमें एजुकेशन सेक्टर से जुड़ा कारोबार शामिल है। लगातार कर्मचारियों को वेतन व अन्य खर्चे फर्म उठा रही हैं। पीएम की मंसा का अभी भी बैंक अफसर मखौल उड़ा रहे हैं। सीसी लिमिट बढ़ाई नहीं गई। अन्य मद में लोन भी नहीं दिया गया। भ्रष्टाचार को खत्म के लिए आवेदन रद किया गया। इस ओर भी प्रशासन ध्यान दे।
कोरोना संकट से पस्त उद्योगों को उभारने के लिए प्रयास किया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत के तहत आर्थिक मदद की जा रही है। अबतक 5500 उत्पादन यूनिट को 225 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी गई है। मदद अभी भी जारी है।
- श्रीनाथ पासवान, उपायुक्त उद्योग
जीईसीएल सिस्टम के जरिये उद्योगों को लोन दिए जा रहे हैं। उद्यमी व कारोबारी आन लाइन आवेदन कर सकते हैं। संबंधित बैंक की क्षेत्रीय शाखा प्रबंधक से भी लोन की फाइल पूरी कर सकते हैं। अगर किसी भी कारोबारी को कोई परेशानी है, वे संपर्क कर सकते हैं।
- अनिल कुमार सिंह, लीड बैंक मैनेजर