Aligarh Municipal Corporation: समेटने के साथ कूड़ा फैला भी रहे एमआरएफ सेंटर, शहरवासी हो रहे परेशानAligarh News
कूड़ा खुले में न डाला जाए इसके लिए जगह-जगह मिनी एमआरएफ (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर बनाए गए हैं। गली-मोहल्लों से कूड़ा उठाकर इसी सेंटर पर डालने के सफाईकर्मियों काे निर्देश हैं। यहीं से कूड़ा उठाकर एटूजेड कंपनी के वाहन निस्तारण के लिए प्लांट में ले जाते हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कूड़ा खुले में न डाला जाए, इसके लिए जगह-जगह मिनी एमआरएफ (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर बनाए गए हैं। गली-मोहल्लों से कूड़ा उठाकर इसी सेंटर पर डालने के सफाईकर्मियों काे निर्देश हैं। यहीं से कूड़ा उठाकर एटूजेड कंपनी के वाहन निस्तारण के लिए प्लांट में ले जाते हैं। योजना अच्छी है, मगर पूरी तरह से इसका पालन नहीं हो पा रहा। सेंटर के बाहर भी कूड़ा डाला जा रहा है। सासनीगेट क्षेत्र में एडीए पुलिस चौकी मार्ग बने सेंटर पर यही हालात हैं। इससे स्थानीय लोगों के अलावा राहगीरों को भी परेशानी हो रही है। गंदगी-दुर्गंध से लोगों का बुरा हाल है।
यह हैं हालात
नगर निगम ने शहर में मुख्य मार्गों के अलावा आबादी वाले इलाकों में भी मिनी एमआरएफ सेंटर बनाए हैं। एडीए पुलिस चौकी मार्ग पर पोखर के एक हिस्से में कुछ माह पहले ही सेंटर का निर्माण कराया गया था। निगम अफसरों का दावा था कि सेंटर बनने के बाद कूड़ा खुले में नहीं डाला जाएगा। सेंटर के लोकार्पण के बाद यहीं कूड़ा डाला जाने लगा। कुछ दिन व्यवस्था ठीकठाक रही। इसके बाद कूड़ा सेंटर के अलावा बाहर भी डाला जाने लगा। यही नहीं, सुबह 10:30 बजे कूड़ा उठाने के निर्देश हैं, लेकिन दोपहर एक बजे तक कूड़ा उठ रहा है। मंगलवार को भी करीब एक बजे एटूजेड कंपनी के वाहन कूड़ा उठाने यहां पहुंचे। सेंटर के अंदर से कूड़ा उठा लिया गया, लेकिन बाहर कूड़ा यूं ही पड़ा रहा। लोगों का कहना है कि तेज हवा चलने पर कूड़ा सड़क पर बिखर जाता है। बारिश के दिनों तो मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। नालियां चोक पड़ी हैं। स्वच्छता निरीक्षक, सुपरवाइजर यहां हालत देखने नहीं आते। कूड़ा उठाने के बाद कर्मचारी झाड़ू तक नहीं लगाते, न ही चूना डाला जाता है।
कूड़े के ढेर पर शिलापट्ट
इससे अफसोसजनक और क्या होगा कि मिनी एमआरएफ सेंटर के बाहर मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री और महापौर के नाम लिखा लोकार्पण का शिलापट्ट कूड़े के ढेर पर लगा है। गंदगी लगी होने से नाम स्पष्ट नजर नहीं आ रहे। इस शिलापट्ट की अनदेखी भी की जा रही है।
ऐसे एमआरएफ सेंटर का क्या लाभ, जहां कूड़ा बाहर बिखरा पड़ा रहे। इस मार्ग से निकलने में काफी परेशानी होती है। दुर्गंध भी फैल रही है।
बाबूलाल, स्थानीय निवासी
पोखर की सफाई तो हुई नहीं, पक्का डलावघर और बना दिया है। कूड़ा भी दोपहर के वक्त उठाया जाता है। डलावघर के बाहर गंदगी जमा रहती है।
विजय कुमार, स्थानीय निवासी
कूड़ा उठाने के बाद झाड़ू लगाकर सफाई होनी चाहिए। चूना भी डाला जाए। लेकिन सफाई कर्मचारी ऐसा नहीं करते। इससे बीमारियां फैलने की संभावना बनी रहती है।
निशांत वार्ष्णेय, स्थानीय निवासी
नगर निगम अधिकारियों को साफ-सफाई को लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए। डेंगू और अन्य बीमारियां फैल रही हैं, ऐसे में यह जरूरी हो जाता है।
राजीव वार्ष्णेय, स्थानीय निवासी