Prime Minister's Housing Scheme : सांसद ने अफसरों को लिया आड़े हाथ, अपात्रों से जल्द रिकवरी के आदेश Aligarh news
हरदुआगंज में हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के घोटाले में अब अपात्रों से रिकरवी के काम में तेजी आएगा। सांसद सतीश गौतम ने डूडा विभाग के अफसरों को दिशा की बैठक में इसके लिए आड़े हाथों लिया था। उनहोंने सभी अपात्रों से जल्द से जल्द रिकवरी के आदेश दिए हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । हरदुआगंज में हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के घोटाले में अब अपात्रों से रिकरवी के काम में तेजी आएगा। सांसद सतीश गौतम ने डूडा विभाग के अफसरों को दिशा की बैठक में इसके लिए आड़े हाथों लिया था। उनहोंने सभी अपात्रों से जल्द से जल्द रिकवरी के आदेश दिए हैं। करीब 83 लोगों से रिकवरी होनी है। विभाग का दावा है कि अब तक 12 लाेगों से रिकवरी हो चुकी है।
सांसद ने डेढ़ साल पहले सौंपा था शिकायती पत्र
करीब ढाई साल पहले सांसद सतीश गौतम ने तत्कालीन डीएम चंद्रभूषण सिंह को एक शिकायती पत्र सौंपा था। इसमें उन्होंने हरदुआगंज नगर पंचायत में पीएम आवास योजना में गोलमाल होने की आशंका जताई। डीएम ने इस पर जांच कराई । कोल तहसील को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 12 टीमों को सत्यापन के लिए लगाया लगाया गया। लेखपाल व कानूनगो ने घर-घर जाकर सर्वे किया। इसमें सामने आया कि 1237 लाभार्थियों में से 528 अपात्र हैं। पता चला कि कई अपात्र तो निकाय क्षेत्र के प्रतिनिधि के रिश्तेदार व स्वजन ही हैं। करोड़पति व निकाय क्षेत्र में न रहने वालों को भी आवास दे दिए गए हैं। जांच के बाद 528 अपात्र लाभार्थियों में से 445 ऐसे थे, जिनका चयन हो गया था, लेकिन किश्तें जारी नहीं हुई थीं। ऐसे में प्रशासन ने तत्काल इनका आवंटन निरस्त कर दिया। बाकी के बचे हुए 83 लोगों के खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए। इस बात को भी करीब छह महीने बीत चुके हैं। ऐसे में सोमवार को कलक्ट्रेट में सांसद सतीश गौतम की अध्यक्षता में आयोजित दिशा की बैठक में कड़ी नाराजगी जताई थी।
डूडा अफसरों को चेतावनी जल्द से जल्द अपात्रों से हो रिकवरी
सांसद ने डूडा के अफसरों को चेतावनी दी थी कि जल्द से जल्द अपात्रों से रिकवरी की जाए। ऐसे में अब जल्द रिकवरी की उम्मीद जगी है। डूडा के अफसरों का कहना है कि अब तक 83 में से 12 लोगों से रिकवरी हो चुकी है। जल्द ही बाकी के अन्य लोगों से भ पैसा वसूल लिया जाएगा। विभाग इस पर लगातार काम कर रहा है। वहीं, नए लाभार्थियों के चयन में भी काफी पारदर्शिता बरती जा रही है। जांच पड़ताल के बाद ही नए आवास आवंटित हो रहे हैं। पहली किस्त के बाद जियाे टैगिंग होती है, इसके बाद दूसरी किस्त जारी होती है। आवंटन से पहले भी विभागीय टीम जांच पड़ताल करती है।