प्रोफेसरों के निधन पर एएमयू में शोक की लहर
एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कानून संकाय के डीन प्रो. शकील अहमद समदानी व अन्य प्रोफेसरों के निधन पर दुख जताया है।
जासं, अलीगढ़ : एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कानून संकाय के डीन प्रो. शकील अहमद समदानी व अन्य प्रोफेसरों के निधन पर दुख जताया है। कहा है कि प्रो. शकील समदानी लोकप्रिय शिक्षक थे। उनकी मौत से सभी को दुख पहुंचा है। वह बहुत ही मिलनसार और उत्साही व्यक्ति थे। शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रो. समदानी की मृत्यु मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। हम सभी उनके लिए प्रार्थना करते हैं। जेएन मेडिकल कालेज के चिकित्सा विभाग, के अध्यक्ष, प्रो. शादाब ए खान के निधन पर कुलपति ने कहा कि प्रो. शादाब एक गंभीर और ईमानदार व्यक्ति थे। मेडिसिन संकाय के डीन प्रो. राकेश भार्गव ने कहा कि प्रो. शादाब चिकित्सा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का प्रतिपादन कर रहे हैं। मेडिकल कालेज के प्रिसिपल प्रो. शाहिद अली सिद्दीकी ने कहा कि मेडिकल कालेज में उच्च स्तर की मेडिकल सेवाओं को सभी जन साधारण तक पहुंचाने के लिए प्रो. खान हमेशा चितित रहते थे। कुलपति ने जूलोजी विभाग के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और सेवानिवृत्त डा. सैयद इरफान अहमद और विधि विभाग के पूर्व डीन मुहम्मद शब्बीर के निधन पर भी शोक जताया है। कुलपति ने कहा है कि प्रो. शब्बीर की विद्वतापूर्ण सेवाएं अमूल्य और अविस्मरणीय हैं। आनलाइन कानूनी श्रृंखला में उनका नियमित योगदान था। भौतिकी विभाग से सेवानिवृत्त डा. अरशद अहमद निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह अमेरिकी उद्योगपति और नेता डा. फ्रैंक एफ इस्लाम के बहनोई थे। डा. अरशद एक गंभीर शिक्षक और व्याख्याता थे। वह छात्रों और शिक्षकों में समान रूप से लोकप्रिय थे। उनकी मृत्यु मेरे लिए किसी व्यक्तिगत क्षति से कम नहीं है। सपा नेता रुबीना खानम ने भी प्रो. शकील समदानी और प्रो. शब्बीर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रो. रफीकुज्जमा भी नहीं रहे
एएमयू के कंप्यूटर साइंस विभाग के वरिष्ठ व्याख्याता प्रो. रफीकु•ा्•ामां खान का संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्होंने हाल ही में विभाग के अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया था। कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने दुख और खेद व्यक्त करते हुए कहा कि प्रो. खान एक दयालु शिक्षक थे। एएमयू ने एक योग्य और गंभीर शिक्षक खो दिया है। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। विभागाध्यक्ष प्रो. आसिम •ाफ़र ने कहा कि वह कई शोध छात्रों के सुपरवाइजर थे। अब इन शोध छात्रों के लिए उनका स्मरण दु:ख दायी होगा। प्रो. रफीकु•ा्•ामां ने कई सरकारी सहायता प्राप्त परियोजनाओं में काम किया। उनकी कई पुस्तकें भी प्रकाशित हुईं।