घर के काम बाद में पहले बच्चे की पढ़ाई के लिए दौड़ लगाएंगी माताएं, जानिए मामला Aligarh news
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक की कक्षाएं सोमवार से शुरू की जा रही हैं। कोरोना काल में करीब एक साल से स्कूल बंद थे। मगर अब इनका संचालन कोविड-19 गाइडलाइंस के तहत संचालित करने के आदेश शासन की ओर से जारी किए गए हैं।
अलीगढ़, जेएनएन: बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक की कक्षाएं सोमवार से शुरू की जा रही हैं। कोरोना काल में करीब एक साल से स्कूल बंद थे। मगर अब इनका संचालन कोविड-19 गाइडलाइंस के तहत संचालित करने के आदेश शासन की ओर से जारी किए गए हैं। लंबे समय से स्कूल बंद होने से विद्यार्थियों में भी स्कूल जाने की मंशा में गिरावट आई है। पहले ही सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ने जाने के लिए मुश्किल से ही दिलचस्पी दिखाते हैं, अब लंबे समय से स्कूल बंद होने से उनकी आदत में स्कूल जाना नहीं बचा है। ऐसे में अफसरों ने बच्चों को विद्यालय तक बुलाने के लिए नई प्रक्रिया अपनाने की ओर कदम बढ़ाया है।
बच्चों के साथ माताएं भी जाएंगी स्कूल
स्कूल में बच्चे तो आएंगे ही साथ में उनकी माताओं को भी विद्यालय बुलाया जाएगा। परिजनों को स्कूल बुलाकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करने का फैसला भी किया गया है। मगर माताओं को विद्यालय बुलाने का फैसला खास लक्ष्य की पूर्ति के लिए किया गया है। अफसरों का कहना है कि बच्चे की माता जब स्कूल आएंगी तो शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ उनकी काउंसिलिंग कराई जाएगी। इसमें उनसे जाना जाएगा कि बच्चे की रुचि व लगन कितनी है। किस विषय की ओर बच्चे का ध्यान ज्यादा रहता है। खेल गतिविधियों में बच्चे की रुचि सबसे ज्यादा किसमे है। इन सवालों के जवाब के आधार पर बच्चों को स्कूल में शिक्षा या खेल गतिविधियों में प्रतिभाग कराया जाएगा। इससे उनका शैक्षणिक स्तर भी सुधरेगा और वो अपनी रुचि का विषय या खेला लगन के साथ सीख पाएगा। इसके अलावा बच्चे के दैनिक स्वास्थ्य के बारे में भी माता-पिता या परिजनों से ही जानकारी ली जाएगी। स्कूलों में थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान अगर किसी बच्चे में कोई बीमारी या वायरल इंफेक्शन के लक्षण दिखेंगे तो उनको तत्काल स्कूल में ही सूचित किया जा सकेगा। इन सब बातों के चलते अफसरों ने ये कदम उठाया है।
इनका कहना है
बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि कक्षा एक से पांच तक के स्कूल खुलने पर बच्चों के अभिभावकों व माताओं को भी बुलाए जाने का फैसला किया गया है। इससे बच्चे के बारे में भी जानकारी की जाएगी साथ ही अभिभावकों को बच्चे को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाएगा।