बेटी की डोली से 12 घंटे पहले उठी मां की अर्थी

अतरौली के गांव विधीपुर में रविवार को जिस घर से शहनाइयों की गूंज के साथ एक बेटी की डोली उठनी थी उससे करीब 12 घंटे पहले उसकी मां की अर्थी उठ गई। यह नजारा जिसने भी देखा वह अपने आंसू नहीं रोक पाया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 01:04 AM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 01:04 AM (IST)
बेटी की डोली से 12 घंटे पहले उठी मां की अर्थी
बेटी की डोली से 12 घंटे पहले उठी मां की अर्थी

अलीगढ़ : अतरौली के गांव विधीपुर में रविवार को जिस घर से शहनाइयों की गूंज के साथ एक बेटी की डोली उठनी थी उससे करीब 12 घंटे पहले उसकी मां की अर्थी उठ गई। यह नजारा जिसने भी देखा वह अपने आंसू नहीं रोक पाया। ढोलक की थाप पर हो रहा नृत्य जहां के तहां ठहर गया। हाथों पर मेहंदी रचाए हल्दी चढ़ी खुशियों की डूबी दुल्हन तो ऐसी हो गई कि मानो उस पर पहाड़ टूट पड़ा हो। दोपहर में मां की अर्थी के बाद देररात चंद बरातियों के साथ आए दूल्हे संग उसके सात फेरे हुए।

गांव विधीपुर निवासी शेर सिंह की पुत्री प्रवेश कुमारी का रिश्ता बुलंदशहर के जरगवां क्षेत्र के गांव नगला सुमाली निवासी जयप्रकाश पुत्र प्रेमपाल सिंह से हुआ है। उन्होंने बेटी की गोदभराई से लेकर सगाई समारोह बड़े ही धूमधाम से किया। रविवार को धूमधाम से आने वाली बरात के स्वागत सत्कार की तैयारियां हो रही थीं। शनिवार की रात हलवाई काम में लगे हुए थे। महिलाएं ढोलक की थाप पर नाच-गाने कर रही थीं। इसी दौरान दुल्हन की मां प्रेमवती देवी (54) कि अचानक हृदय गति रुक गई। जिससे घर में एकदम शांति छा गई। आनन फानन उन्हें इलाज को ले जाने की व्यवस्था करने लगे तब तक उनकी सांसें थम गई। कुछ देर पहले जिस घर में ढोलक की थाप सुनाई दे रही थी वहां करुण क्रंदन होने लगा। हंसी खुशी वाले घर में मातम छा गया। बरात के स्वागत की तैयारियों में लगे लोग सहम गए। हलवाइयों ने काम रोक दिया। दूल्हा के घर यह बात पहुंची तो वहां भी लोग गम में डूब गए। तड़के तक दूल्हा के पिता आदि कई लोग विधीपुर आ गए। महिला के शव का दोपहर में करीब 12 बजे अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद बुजुर्गो की सलाह पर विवाह को औपचारिकता से निपटाने का निर्णय लिया गया। देरशाम चंद बरातियों के साथ बिना गाजेबाजे के दूल्हा आने पर शादी की रस्म पूरी हुई। भांवरों के बाद दुल्हन को डोली में बिठाकर गांव के बाहर से लौटा लिया गया। मृतका चार बेटे व एक बेटी की मां थी। दुल्हन प्रवेश पांच बहन भाइयों में तीसरे नंबर की है।

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