अलीगढ़ में एक हजार से अधिक अवैध निर्माण अब हो जाएंगे वैध, जानिए क्या है नीति
शहर में सुनियोजित विकास की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण की है। इसी के हिसाब से प्राधिकरण नक्शा पास करता है। कई बार नक्शे के खिलाफ बने निर्माण को प्राधिकरण से वैध कर दिया गया है। इसके लिए भवन स्वामियों को संबंधित भवन का शमन कराना होता है
अलीगढ़, सुरजीत पुंढीर। अवैध निर्माण से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब सूबे में अवैध निर्माण को वैध करने का रास्ता साफ हो गया है। शासन स्तर से 11 साल पुरानी शमन नीति 2010 को बहाल कर दिया है। छह महीने पहले हाईकोर्ट ने शासन की नई शमन नीति 2020 पर रोक लगा दी थी। इसके चलते शहर में किसी भी अवैध भवन का शमन नहीं हो पा रहा था। अब नया आदेश आने के बाद शहर में करीब एक हजार से अधिक निर्माण वैध हो सकेंगे। वहीं, प्राधिकरण का राजस्व भी बढ़ेगा।
यह शासन की नीति
शहर में सुनियोजित विकास की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण की है। इसी के हिसाब से प्राधिकरण नक्शा पास करता है। कई बार नक्शे के खिलाफ बने निर्माण को प्राधिकरण से वैध कर दिया गया है। इसके लिए भवन स्वामियों को संबंधित भवन का शमन कराना होता है। इसमें भी धनराशि जमा करनी होती है। पिछले साल जुलाई में शासन स्तर से नई शमन नीति 2020 को लागू किया था। इसमें आसानी से अवैध निर्माणों को वैध किया जा सकता था, लेकिन अक्टूबर में हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। अब नई शमन नीति की छह महीने की समय सीमा 20 जनवरी को खत्म हो चुकी है। ऐसे में अब शासन स्तर से पुरानी शमन नीति को बहाल करने का फैसला लिया गया है।
वैध होंगे निर्माण
अब शमन नीति के तहत अवैध निर्माणों को शुल्क देकर वैध कराया जा सकेगा।भूमि उपयोग में लाई जा रही है और जिस पर छोटे-मोटे निर्माण कार्य किए गए हैं। वह शमन योजना के अंतर्गत मानी जाएंगी। इस योजना के तहत ऐसे लोगों को भी रियायत दी जाएगी, जिन्होंने बिना नक्शा पास करवाए मकान का निर्माण करा लिया है। प्राधिकरण क्षेत्र में ऐसे ही करीब एक हजार से अधिक भवन स्वामियों को फायदा मिलेगा।
11 साल पुरानी नीति
अब शासन स्तर से 11 साल पुरानी नीति को बहाल किया गया है। इससे छोटे-मोटे अवैध निर्माण वैध कराए जा सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है कि भूमाफियाओं के कब्जे वाले अवैध निर्माण वैध हो जाएंगे। शासन से जारी आदेश के मुताबिक ही निर्माण वैध होंगे। शासन स्तर से प्रमुख सचिव दीपक कुमार की ओर से यह आदेश जारी किया गया है।
शमन नीति को लेकर शासन से आदेश आ गया है। 2010 की पुरानी नीति को बहाल किया गया है। ऐसे में अब प्राधिकरण क्षेत्र में छोटे-मोटे अवैध भवनों को वैघ किया जा सकेगा।
प्रेम रंजन सिंह, एडीए उपाध्यक्ष