कोरोना काल में शहर की मीट फैक्ट्रियों में कट गए 22 लाख से ज्यादा पशु Aligarh News

कोरोना काल में भले ही अन्य सभी कामों की रफ्तार सुस्त रही हो लेकिन शहर की मीट फैक्ट्रियों में पशु कटान का धंधा खूब चला है। एक जनवरी 2020 से लेकर 31 अगस्त 2021 तक शहर की आठ मीट फैक्ट्रियों में 22 लाख से ज्यादा पशुओं का कटान हुआ है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 05:41 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 05:41 PM (IST)
कोरोना काल में शहर की मीट फैक्ट्रियों में कट गए 22 लाख से ज्यादा पशु Aligarh News
शहर की आठ मीट फैक्ट्रियों में 22 लाख से ज्यादा पशुओं का कटान हुआ है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में भले ही अन्य सभी कामों की रफ्तार सुस्त रही हो, लेकिन शहर की मीट फैक्ट्रियों में पशु कटान का धंधा खूब चला है। एक जनवरी 2020 से लेकर 31 अगस्त 2021 तक शहर की आठ मीट फैक्ट्रियों में 22 लाख से ज्यादा पशुओं का कटान हुआ है। इसमें बड़े पशुओं के साथ ही छोटे पशु भी शामिल है। शहर के मैलरोज बाईपास निवासी पंडित केशवदेव शर्मा की ओर से आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी पर पशुपालन विभाग ने यह आंकड़े उजागर किए हैं।

यह है मामला

पंडित केशवदेव शर्मा ने पिछले दिनों पशु पालन विभाग से जानकारी मांगी थी कि शहर की पशुवधशालाओं यानि मीट फैक्ट्रियों में एक जनवरी 2020 से 31 अगस्त 2021 तक कितने पशुओं का कटान हुआ है। वहीं, यह पशु कहां-कहां से खरीदे गए थे। इस पर अब मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने जानकारी दे दी है। इसके मुताबिक जिले में नौ मीट फैक्ट्रियां पंजीकृत हैं। इनमें आठ संचालित हैं। वहीं, एक पिछले दो साल से बंद चल रही है। आठ संचालित मीट फैक्ट्रियों में पिछले 19 माह में 20.80 लाख बड़े पशुओं का कटान हुआ है। इसमें भैंस व भैंसे शामिल हैं। वहीं, 1.55 लाख छोटे पशुओं का कटान हुआ है। इसमें भेड़-बकरी शामिल हैं। हालांकि, विभाग ने पशुओं की खरीद व बिक्री के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है। इसके चलते आटीआई कार्यकर्ता अब इसके खिलाफ जन सूचना आयोग में अपील करने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही जानकारी छिपाने पर सीएम योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा जा रहा है।

पंडित केशवदेव शर्मा ने बताया कि मीट फैक्टि्यों में खुलेआम नियमों का उल्लंघन हो रहा है। इसके चलते अफसर जानकारी भी अाधी अधूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस पूरे मामले की शिकायत शासन में करेंगे। सीसीटीवी कैमरे लगाने के नियमों का भी पूर्ण पालन नहीं हो रहा है।

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