दिल्ली की संस्था गुरुजी को पढ़ा गई नैतिकता का पाठ, क्या आएगा बदलाव? Aligarh news
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा भी दी जानी है। इसके लिए छात्र -छात्राओं के साथ पहले गुरुजनों को भी इस नए फार्मेट में ढलना जरूरी है।
अलीगढ़, जेएनएन : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा भी दी जानी है। इसके लिए छात्र-छात्राओं के साथ पहले गुरुजनों को भी इस नए फार्मेट में ढलना जरूरी है। इसके लिए जिले के शिक्षकों के लिए दिल्ली की संस्था तक को बुलाया गया। संस्था के पदाधिकारी व प्रशिक्षक गुरुजनों को तो नैतिकता का पाठ पढ़ा गए मगर अब इसका क्या सकारात्मक असर देखने को मिलेगा? ये तो वक्त ही बताएगा। इसमें शिक्षकों ने भी बढ़चढ़कर प्रतिभाग किया है। दो ब्लाक के करीब 200 से ज्यादा शिक्षकों ने इसमें रुचि भी दिखाई है।
शिक्षकों के लिए पूर्णता कार्यक्रम का प्रशिक्षण
बेसिक शिक्षा परिषद के सरकारी स्कूलों में ब्ल्यू आर्ब फाउंडेशन की ओर से शिक्षकों के लिए पूर्णता कार्यक्रम का प्रशिक्षण जिला स्तर पर शिक्षा निदेशालय एवं बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से किया गया। शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण नैतिक मूल्यों पर आधारित पाठ्यक्रम प्रारूप के आधार पर किया गया। ब्ल्यू आर्ब फाउंडेशन नई दिल्ली की ओर से जिले में धनीपुर व लोधा ब्लाक के 100 स्कूलों के लगभग 200 शिक्षकों को नैतिक मूल्य पर आधारित (नैतिक शिक्षा) पर प्रशिक्षण दिया गया। 18 फरवरी से 19 मार्च 2021 तक चार बैचों के माध्यम से प्रशिक्षण कराया गया है। यह प्रशिक्षण प्राइमरी स्कूल मे शिक्षा (एक से पांच कक्षा तक) पाठ्यक्रम की तरह चलाया गया है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य नैतिक ज्ञान, अपने के प्रति, (स्वयं) परिवार के प्रति, समाज के प्रति व प्रकृति का योगदान अपेक्षाकृत बच्चों के प्रगतिशील शिक्षा माध्यम (कहानी, गतिविधि एवं अभिव्यक्ति) के जरिए समझ को बढ़ावा देना है।
बच्चों के समाजीकरण पर मूल्यों काे आधार बताया
संस्थान की सीईओ माधुरी मेहता ने शिक्षा प्रणाली को जमीनी स्तर से मजबूत करने के लिए बच्चों के समाजीकरण पर मूल्यों काे आधार बताया। अपने समाज मे करुणा, निष्ठा व कृतज्ञता के अभाव को महसूस किया, जिसके फलस्वरूप बच्चों मे नैतिक शिक्षा की अहम भूमिका को ध्यान रखते हुए मूल्य आधारित कार्यक्रम (पूर्णता कार्यक्रम) में प्रशिक्षण दिया। डिप्टी डायरेक्टर डायट इंद्रप्रकाश सिंह सोलंकी ने कार्यक्रम का अवलोकन किया। कहा कि आज के जीवन मे बच्चों में नैतिक मूल्यों की बहुत जरूरत है। अपनी संस्कृति की झलक अपनों में होनी चाहिए। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि नैतिक मूल्यों को अपने वातावरणीय जीवन मे ढालने व समृद्ध बनाने के लिए शिक्षक व अभिभावक स्तर से प्रयास करने होंगे।