मिनी ट्यूबवेल लगने हैं, नहीं मिल रहा उपयुक्त स्थान, जानिए क्या है मामला Aligarh News
घर में भरपूर जलापूर्ति के लिए नगर निगम ने जगह-जगह मिनी ट्यूबवेल लगाने की योजना तो बना ली लेकिन उपयुक्त स्थान पर मिलने से योजना का क्रियांवयन नहीं हो पा रहा। फिलहाल योजना ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। घर में भरपूर जलापूर्ति के लिए नगर निगम ने जगह-जगह मिनी ट्यूबवेल लगाने की योजना तो बना ली, लेकिन उपयुक्त स्थान पर मिलने से योजना का क्रियांवयन नहीं हो पा रहा। फिलहाल योजना ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। जगह तलाशने के लिए पार्षदों की मदद लेने के भी दिशा-निर्देश हुए थे। लेकिन निगम अधिकारियों ने इसमें भी रुचि न दिखाई। इन परिस्थितियों में जलापूर्ति की बेहतर व्यवस्था करना कैसे मुमकिन हो पाएगा। ये स्थिति तब है, जब शहर में इन दिनों जलापूर्ति को लेकर शिकायतें बढ़ रही हैं।
शहर में अमृत योजना के तहत वाटर लाइन बिछाकर कनेक्शन तो दे दिए गए, लेकिन ज्यादातर इलाकों को पानी नहीं मिल सका। कहीं वाटर लाइन क्षतिग्रस्त है तो कहीं आपरेटर न होने से ट्यूबवेल बंद पड़े हैं। नियमित बिजली ने आने से भी जलापूर्ति बाधित रहती है। इन्हीं समस्याआें के निदान के लिए नगर आयुक्त रहे प्रेम रंजन सिंह ने मिनी ट्यूबवेल प्रोजेक्ट पर मुहर लगाई थी। प्रत्येक वार्ड में एक मिनी ट्यूबवेल लगाने की योजना थी। ट्यूबवेल के साथ पानी की टंकी होगी, बिजली चली जाए तो टंकी से पानी भरा जा सकता है। ऐसे 100 ट्यूबवेल लगने थे। मिनी ट्यूबवेल का प्रोजेक्ट करीब छह करोड़ रुपये का है। एक ट्यूबवेल में छह लाख रुपये खर्च किए जाने हैं। तीन माह पूर्व इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन स्थान को लेकर प्रक्रिया रुक गई। ट्यूबवेल स्थापित कराने के लिए नगर निगम द्वारा जमीन उपलब्ध कराने की बात तय हुई थी। ये काम अभी हो नहीं सका है।
30 हजार घरों में नए कनेक्शन
केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत जल निगम ने वाटर लाइन डालकर 30 हजार घरों में नए कनेक्शन दिए गए। 40 ट्यूबवेल और ओवरहैड टैंक भी बनवाए गए। लेकिन, इनमें से 21 ही पानी दे रहे हैं। बाकी 19 विद्युत कनेक्शन न होने से बंद पड़े हैं। इसके अलावा भी अन्य समस्याओं के चलते जलापूर्ति बाधित रहती है। इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए मिनी ट्यूबवेल प्रोजेक्ट पर मंथन हुआ था। प्रत्येक वार्ड में 200 से 250 फुट की बोरिंग कराकर मिनी ट्यूबवेल लगाए जाने हैं। योजना के मुताबिक ट्यूबवेल के ऊपर ही पानी की टंकी होगी। ट्यूबवेल चलने पर ये टंकी भर जाएगी। बिजली न भी आए तो टंकी से लोग पानी भर सकते हैं। इसके अलावा मिनी ट्यूबवेल से वाटर लाइन जोड़ दी जाएंगी। जल निगम के नलकूपों से जलापूर्ति बाधित होती है, तो इस ट्यूबवेल से जलापूर्ति कराई जाएगी।
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शहर में पेयजल आपूर्ति
- 13 लाख की आबादी है शहर में
- 225 एमएलडी पानी की है डिमांड
- 100 एमएलडी पानी की नलकूपों से आपूर्ति
- 80 एमएलडी पानी हैंडपंप व सबमर्सिबल से
- 140 नलकूप हैं पेयजल आपूर्ति के लिए
- 43 हजार नलकूप लगे हैं शहर में
- 65 हजार घरों में हैं पेयजल कनेक्शन
- 40 नलकूप अमृत याेजना के तहत बनवाए गए
- 19 नलकूप बिजली कनेक्शन न होने से बंद पड़े