Mental Depression: जीवन पर भारी पड़ रही सहनशीलता, विस्‍तार से जानिए क्‍या है वजह Aligarh News

एक्सपर्ट का मानना है कि खुदकुशी करने के पीछे मानसिक अवसाद घरेलू कलह आर्थिक तंगी संबंधों में नाकामी घरेलू हिंसा दूसरों से होड़ करना जल्दी सफलता न मिलना दहेज विवाद आर्थिक या शारीरिक शोषण और नशे की लत प्रमुख वजहों के रूप में सामने आए हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:40 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:40 AM (IST)
Mental Depression: जीवन पर भारी पड़ रही सहनशीलता, विस्‍तार से जानिए क्‍या है वजह Aligarh News
जल्दी सफलता न मिलना, आर्थिक या शारीरिक शोषण और नशे की लत प्रमुख वजहों के रूप में सामने आए हैं।

अलीगढ़, रिंकू शर्मा। ये तो बस उदाहरण हैं। आम आदमी के जीवन में तनाव इस कदर हावी हो चुका है कि लोग अब छोटी-छोटी बातों को लेकर गुस्से व अवसाद के कारण अपना जीवन गवां दे रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में पिछले छह महीने में जिले में ऐसे ही तमाम चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 145 लोग इस दौरान अपनी जान दे चुके हैं।

आत्महत्या करने का कारण

एक्सपर्ट का मानना है कि खुदकुशी करने के पीछे मानसिक अवसाद, घरेलू कलह, आर्थिक तंगी, संबंधों में नाकामी, घरेलू हिंसा, दूसरों से होड़ करना, जल्दी सफलता न मिलना, दहेज विवाद, आर्थिक या शारीरिक शोषण और नशे की लत प्रमुख वजहों के रूप में सामने आए हैं।

जान देना कोई समाधान नहीं

जान देने से कभी समस्याएं हल नहीं होती, ये समझने के बाद भी लोग अवसाद या गुस्से में जान दे बैठते हैं। उसका खामियाजा पूरा परिवार भुगतता है। ऐसे में जो परिवार, मुश्किलों में व्यक्ति या महिला के साथ खड़ा रहता है, वह उसकी खुदकुशी के बाद टूटकर और बिखर जाता है। पिछले छह महीने में ही 145 से अधिक लोगों ने खुदकुशी कर ली। इनमें पुरूषों की संख्या 82 है तो महिलाओं की संख्या 63 है। जान देने वालों में युवाओं की संख्या अधिक है। जिसमें 18 वर्ष से लेकर 30 वर्ष की आयु वाले 129 महिला व पुरूष शामिल हैं।

स्ट्रेस हार्माेन बढ़ने से होती हैं आत्महत्या

जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग की क्लीनिकल साइक्लोजिस्ट पूजा कुलश्रेष्ठ का कहना है कि हर आत्महत्या दुखद होती है। हर आत्महत्या के पीछे एक सामान्य वजह होती है और वह है मन में निराशा की गहरी भावनाएं। जो लोग खुदकुशी करते हैं, उनके शरीर में असाधारण तरीके से उच्च गतिविधियां और स्ट्रेस हार्मोन पाया जाता है। सेरोटोनिन मस्तिष्क का केमिकल (न्यूरोट्रांसमीटर) होता है, जो मूड, चिंता और आवेगशीलता से जुड़ा होता है। सुसाइड के बारे में सोचने वालों की दिनचर्या में एकाएक बदलाव आता है। इन लक्षणों पर भी ध्यान देना चाहिए। जब भी ऐसा महसूस हो तो डाक्टर के पास जाकर सलाह ले सकते हैं। सामान्य से इलाज से ही मरीज ठीक हो जाता है।

केस- एक

12 जुलाई को अतरौली के मोहल्ला सराय वली में प्रेमी युगल ने किराये के मकान में खुदकुशी कर ली। युवक की कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी। युवती दो बच्चों की मां थी। दोनों आपस में रिश्तेदार भी थे।

 केस- दो

25 जुलाई को थाना महुआखेड़ा के सूर्य सरोवर कालोनी में एमबीए के फाइनल ईयर के छात्र ने खुदकुशी कर ली। छात्र ने ऐसा कदम क्यों उठाया इस बारे में स्वजन साफ वजह नहीं बता पा रहे।

 जिले में आत्महत्या की बढ़ रहीं घटनाएं चिंता का विषय है। इस ओर अभिभावकों व स्वजन को ध्यान देने की जरुरत है। घट रही सहनशीलता भी इसके लिए जिम्मेदार है। बेहतर होगा कि किसी समस्या को लेकर परेशान न हों, थोड़ा धैर्य रखें और शांति से सोचें तो उसका समाधान निकलना संभव है।

- कलानिधि नैथानी, एसएसपी

chat bot
आपका साथी