Inhuman act in madrassa : डेढ़ साल से बच्चों को जंजीर में बांधकर रख रहा था मौलवी Aligarh news

मदरसे में बच्चों के साथ अमानवीय कृत्य की घटना की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक पूछताछ में मौलवी फहीमुद्दीन ने खुद कबूला है कि वायरल वीडियो लाकडाउन से पहले का है। बच्चों को जंजीर में बांधने का क्रम करीब डेढ़ साल से चल रहा है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:45 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 10:45 AM (IST)
Inhuman act in madrassa : डेढ़ साल से बच्चों को जंजीर में बांधकर रख रहा था मौलवी Aligarh news
अलगीढ़ में मोहल्ला लड़िया निवासी मौलवी फहीमुद्दीन ।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । मदरसे में बच्चों के साथ अमानवीय कृत्य की घटना की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक पूछताछ में मौलवी फहीमुद्दीन ने खुद कबूला है कि वायरल वीडियो लाकडाउन से पहले का है। ऐसे में माना जा रहा है कि बच्चों को जंजीर में बांधने का क्रम करीब डेढ़ साल से चल रहा है। अगर वीडियो वायरल नहीं होता तो शायद ही यह बात किसी के सामने आती। इससे अन्य बच्चों के स्वजन भी चिंतित हैं।

बच्‍चों को जंजीर से बांधना अमानवीय कृत्‍य

इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पानी पी रहे बच्चों के पैरों में जंजीर जकड़ी हुई दिख रही है। इस संबंध में मौलवी ने पूछताछ में बताया कि बच्चा कहीं भाग न जाए, इसलिए स्वजन की सहमति पर ऐसा किया गया था। हालांकि पुलिस का कहना है कि बच्चे को इस तरह बांधना अमानवीय है। हालांकि बच्चे के पिता को थाने में बुलाकर पूछताछ की तो उसने भी कहा कि बच्चे को हर हफ्ते मिलने के लिए जाते थे। ऐसे में स्वजन भी जानते थे कि मदरसे में बच्चे को पैरों में जंजीर बांधकर रखा जा रहा है। लेकिन, उन्होंने कभी इसकी शिकायत नहीं की। वहीं इस घटना के सामने आने के बाद मदरसे में रह रहे अन्य बच्चों के स्वजन भी चिंतित हो गए हैं। इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने बताया कि बच्चे को मंगलवार को चाइल्ड लाइन के समक्ष पेश किया जाएगा। तब तक पिता को बतौर संरक्षक उसके साथ रखा है। हालांकि बच्चे के स्वजन भी भूमिका की भी जांच की जा रही है।

इन धाराओं में मौलवी पर हुआ मुकदमा

एसआइ दिलीप चौधरी की ओर से मोहल्ला लड़िया निवासी मौलवी फहीमुद्दीन के खिलाफ धारा 342 (अवैध रूप से बंधक बनाना), 323 (मारपीट) व जेजे (जुवेनाइल जस्टिस) एक्ट की धारा 75 व 82 (किसी संगठन द्वारा बच्चों के साथ क्रूरता) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें धारा 342 व 323 में अधिकतम एक साल की सजा है। दोनों जमानती अपराध हैं। वहीं जेजे एक्ट की धारा गैरजमानती है, जिसमें पांच साल तक सजा का प्रावधान है। सीओ प्रथम राघवेंद्र सिंह ने बताया कि मंगलवार को आरोपित को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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