समाधान शिविर में भी न सुलझे सम्मान निधि से जुड़े मामले, जानिए वजह
केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना पीएम सम्मान निधि में किसानों की डेटा फीडिंग में हुईं गड़बड़ियां पूरी तरह सुधारी नहीं जा सकी हैं। याेजना का लाभ पा रहे अपात्रों के खातों में किस्त देना तो बंद कर दिया है लेकिन योजना में इनका नाम अभी भी चल रहा है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना पीएम सम्मान निधि में किसानों की डेटा फीडिंग में हुईं गड़बड़ियां पूरी तरह सुधारी नहीं जा सकी हैं। याेजना का लाभ पा रहे अपात्रों के खातों में किस्त देना तो बंद कर दिया है, लेकिन योजना में इनका नाम अभी भी चल रहा है। इनका डेटा अपडेट करना है, जिसके लिए अफसरों को फुर्सत नहीं मिल पा रही। समाधान दिवस भी कई बार लग चुके हैं, लेकिन समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा। अलीगढ़ में ऐसे 10647 अपात्र मिले थे, जिनके खातों में योजना के तहत किस्त जारी कर दी गईं। इनसे अभी रिकवरी भी नहीं हो सकी है, न ही खाते दुरुस्त हैं। विभागीय अधिकारी जल्द ही सभी खाते ठीक कराने का दावा कर रहे हैं।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए शुरू की गयी थी योजना
केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। योजना के तहत हर साल पात्र किसानों को तीन किस्तों में छह हजार रुपये मिलते हैं। दो हजार रुपये प्रति किस्त उनके बैंक खातों में पहुंचती है। अलीगढ़ समेत तमाम जिलों में गलत डेटा फीडिंग के चलते अपात्रों के खातों में भी ये राशि पहुंच रही थी। सरकार के पोर्टल पर खामियां पकड़ी गईं तो अपात्रों के खातों में सम्मान निधि की किस्त रोक दी गई। अलीगढ़ जनपद में साढ़े चार लाख किसानों ने योजना में पंजीकरण कराया था। सत्यापन में करीब चार लाख किसान याेजना में पात्र मिले थे। 3 लाख 58 हजार किसानों के खातों में सम्मान निधि की किस्त भेज दी गई। दस्तावेजों के सत्यापन और भारत पोर्टल पर आधार से पेन कार्ड के मिलान पर फर्जीवाड़ा सामने आने लगा। तब सरकार द्वारा जिला स्तर पर जांच कराई गई थी। 10647 अपात्र मिले हैं, इनके खातों में सम्मान निधि जारी की गई थी।
एक ही परिवार के कई लोगों को जारी हुई निधि
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक इनमें 692 मृतक, 4452 आयकरदाता, 4119 गलत खाते, 738 गलत आधार नंबर व 646 ऐसे मामले हैं, जिसमें एक ही परिवार में पति-पत्नी व अन्य सदस्यों के नाम सम्मान निधि जारी कर दी गई। हालांकि, इसे ठीक कराने के लिए समाधान दिवस दो बार आयोजित किए जा चुके थे। उप कृषि निदेशक यशराज सिंह ने बताया कि 50 प्रतिशत से अधिक खाते ठीक करा लिए गए हैं। जो बाकी हैं, उनके खाते और डेटा अपडेट कराने लिए अलग से कर्मचारी नियुक्त हैं।