चहुंओर गणतंत्र दिवस की धूम, तिरंगे के रंग में रंगे बाजार Aligarh news
कोरोना संकट के चलते शैक्षणिक संस्थानों में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) भले ही सादगी से मने मगर तिरंगा की सान में बाजार सज गए हैं। सोमवार को अचलताल स्थित स्टेशनरी बाजार अचल परिक्रमा मार्ग राष्ट्रध्वज गुब्बारे पटका कैप भारत माता की तस्वीर महान क्रांतिकारियों के पोट्रेट की खरीदारी की गई।
अलीगढ़, जेएनएन : कोरोना संकट के चलते शैक्षणिक संस्थानों में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) भले ही सादगी से मने, मगर तिरंगा की सान में बाजार सज गए हैं। सोमवार को अचलताल स्थित स्टेशनरी बाजार, अचल परिक्रमा मार्ग, मदार गेट, बड़ा बाजार, रामघाट रोड स्थित बुक स्टाल पर राष्ट्रध्वज, गुब्बारे, पटका, कैप, भारत माता की तस्वीर, महान क्रांतिकारियों के पोट्रेट की जमकर बिक्री हुई। तमाम शिक्षक भी देश भक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रमों के लिए टी शर्ट, हैंड बैंड, फीता, तिरंगा आर्टिफिसीयल गुलदस्ता सहित अन्य सामग्री की खूब बिक्री हुई।
खादी की जगह पालिस्टर के राष्ट्रीय ध्वज
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी खादी के पैरोकार थे। उन्होंने इस कपड़े की वैरायटी को बढ़ावा देने के लिए खुद कताई-बुनाई का काम किया था। मगर बदलते परिवेश में खादी की जगह पालिस्टर के राष्ट्रीय ध्वज फहराने का प्रचलन बढ़ गया है। चमक-दमक में खादी आश्रमों में खादी के राष्ट्रीय ध्वज कम बिक रहे हैं। हैरानी की बात है कि बाजार में प्रतिबंधित प्लास्टिक के हैंड ध्वज भी खुलेआम बिक रहे हैं। इनपर कोर्ट ने रोक लगा दी है। सामाजिक कार्यकर्ता सतेंद्र जैन कहते हैं कि कोर्ट ने प्लास्टिक के झंडों को रोकने का उदेश्य कार्यक्रम के बाद सड़क व नालियों में झंडा फैकना को रोकना था। कपड़े के राष्ट्रध्वज को लोग सहजकर संजोकर रखते हैं।
तिरंगा सामग्री के रेट
वस्तु, रेट
कपड़ा बैज, दो से 35
मेटल बैज, दो से 20
टी शर्ट, 70 से 100
पगड़ी, 60 से 85
गत्ता कैप, एक से पांच
ध्वज पालिस्टर, 15 से 200
ध्वज खादी, 50 से 200
नोट मूल्य रुपये प्रति पीस
काटन स्टीकर, दो से 25
हेयर बैंड, 10 से 25
हैंड बैंड, 5 से 50
गुब्बारा, 15 से 85
नोट : मूल्य रुपये प्रति पैकेट
इनका कहना है
इस बार खरीदारी ठीक ठाक हो रही है। कोरोना संकट के चलते देश-भक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रम भले ही कम हों, लेकिन सामाजिक संगठन देश की शान में कार्यक्रम जरूर आयोजित करेंगे।
- भुवनेश आधुनिक, कारोबारी