Make Small स्ट्रांग : ऑनलाइन होते ही दिया रोजगार Aligarh News

कोरोना काल में इसे कई कारोबारियों ने अपनाया। सफलता भी मिली।गोकुल बिल्‍डिंग मैटेरियल के मालिक कुलदीप आर्य व मनोज अग्र्रवाल ने अनलॉक वन लागू होते ही कारोबार को गति देने में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने 40 साइटों पर काम शुरू करा बेरोजगारों को रोजगार भी दिया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:10 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 06:10 AM (IST)
Make Small स्ट्रांग : ऑनलाइन होते ही दिया रोजगार Aligarh News
40 साइटों पर काम शुरू करा बेरोजगारों को रोजगार भी दिया।

अलीगढ़ जेएनएन : बदलाव में ढलना और समय की मांग को समझकर काम करना ही आगे बढऩे का मूलमंत्र होता है। कोरोना काल में इसे कई कारोबारियों ने अपनाया। सफलता भी मिली। इन्हीं में शामिल गोकुल   बिल्‍डिंग मैटेरियल के मालिक कुलदीप आर्य व मनोज अग्र्रवाल ने अनलॉक वन लागू होते ही कारोबार को गति देने में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने 40 साइटों पर काम शुरू करा बेरोजगारों को रोजगार भी दिया।

दो हजार लोगों को रोजगार दिया 

करीब  दो हजार लोगों को रोजगार मिलना राहत भरा था। मजदूर लोगों को रोजगार का ही इंतजार था। 59 दिन तक लोग घरों में रहे। गरीब तबके के पास जो जमा पूंजी थी, वह खर्च हो चुकी थी। अनलॉक होते ही गोकुल बिल्‍डिंग मेटेरियल के मालिकों ने  अपनी फर्म के प्रबंधन से जुड़े 20 सहयोगियों के साथ पुख्ता रणनीति बनाई। भवन निर्माण की जुड़ी साइटों को शुरू कराने के लिए बिल्डर्स, कॉलोनाइजर व सामान्य ग्राहकों को प्रोत्साहित किया।

ऐसे किया दिक्कतों का निदान

 साइटों पर काम तो चालू हो गया। मगर बालू, बदरपुर, सरिया, सीमेंट व अन्य बिङ्क्षल्डग मेटेरियल की कंपनियों से माल मगाना एक चुनौती थी।  राज्य बंदी व जिला बंदी के कारण ट्रकों के आवागमन के लिए प्रशासन से वाहनों के पास बनवाए।  झांसी व मध्य प्रदेश से बदपुर के ट्रक मंगाने, कंपनियों से सीमेंट मंगाने के लिए पहल की। इस बीच गोकुल बिङ्क्षल्डग मेटेरियल की साख सबसे ज्यादा काम में आई। कंपनियों के अधिकारियों ने खुद की विशेष अधिकारों का प्रयोग कर माल भेजा।

 

लॉकडाउन में सरकार ने गरीबों को भले ही राशन उपलब्ध कराया हो, मगर 59 दिन के सख्त लॉकडाउन में मजदूर तबके की जमा पूंजी खत्म हो गई थी। राजमिस्त्री व मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए साइट चालू कराई गईं। साइट तक बिङ्क्षल्डग मेटेरियल पहुंचाना, स्टॉक के लिए माल मंगाने में फर्म के सहयोगियों ने भरपूर साथ दिया।

- कुलदीप आर्य, संस्थापक मालिक, गोकुल बिल्‍डिंग, मेटेरियल, पीएसी, रामघाट रोड

 

कोरोना के संक्रमण से लोग डरे हुए थे। हमने जब साइट पर काम चालू कराने के लिए ग्राहकों से संपर्क किया। सफलता भी मिली। राजमिस्त्री व मजदूरों को रोजगार भी मिला।

- मनोज अग्रवाल, मालिक, गोकुल बिल्‍डिंग मेटेरियल

खोल दिए थे खजाने

लॉक डाउन के दौरान बैंकों में लोन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी। जिन निजी भवन स्वामी का लोन मंजूर हो भी गया था, उनकों पैसा नहीं मिल रहा था। ऐसे में कुलदीप आर्य ने ग्राहकों से साफ कहा था कि भुगतान को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। वे राजमिस्त्री व मजदूरों को काम दें। इन्हें रोजगार की जरूरत है।

जमीं से अर्शपर हैं कुलदीप आर्य

जिले के जलाली कस्बा के मूल निवासी हर्ष देव आर्य सरकारी स्कूल में अध्यापक थे। आर्य समाजी होने के नाते संत प्रर्वती का पहनावा व विचारधारा भी थी। वे अपने दोनों बेटे गोपाल कृष्ण व कुलदीप आर्य को सरकारी नौकरी दिलाना चाहते थे। गोपाल कृष्ण आर्मी में ऑफीसर हो गए।  कुलदीप ने डबल एमए किया। मगर वे कारोबार क्षेत्र में उतरना चाहते थे। 1992 में मां अशर्फी लाल से कारोबार के लिए पैसों की मांग की। बड़ी मुश्कलों से मां ने कुलदीप को  पांच हजार रुपए मिले। जैसे- तैसे गोकुल बिङ्क्षल्डग मैटेरियल के नाम से दुकान खोली।  चचेरे भाई मनोज अग्रवाल ने साथ दिया। दोनों भाइयों की ऐसी जुगलबंदी बनी कि अल्प समय में यह कारोबार करोड़ों के सालाना टर्न ओवर में पहुंच गया।

टीम वर्क है सफलता का मूल मंत्र

कुलदीप आर्य  2004 में रियल एस्टेट कारोबार में भी उतरे। रामघाट रोड पर गोकुलेश पुरम के तीन फेश, गोकुल वाटिका। इसके भी तीन फेश। 2006 में कासिमपुर में जिले का सबसे पहला हर्ष उद्यान रिसोर्ट की स्थापना हुई है। गोकुल ड्रीम होम्स प्राइवेट लिमिटेड साइट पर काम तेजी से चल रहा है।  सफलता में टीम कुलदीप आर्य मनोज अग्रवाल, राजेश चौधरी, संजीव शर्मा, राजकुमार ङ्क्षसह, शैलेंद्र शर्मा, विजय शर्मा, सुधीर सविता, सुनील गौतम ने हर कदम पर साथ दिया।

सर्व श्रेष्ठता पर मिले पुरस्कार

बांगर सीमेंट की यह फर्म सी एंड एफ है। इसकी सप्लाई आस-पास के जिलों के डीलरों के यहां होती है। इससे पहले गोकुल बिङ्क्षल्डग मैटेरियल एसीसी सीमेंट की डिस्ट्रीब्यूटर भी रहे हैं। सर्व  श्रेष्ठ सेल व सर्विस के लिए  पुरस्कार भी मिला है। अन्य कंपनियों ने भी कुलदीप आर्य को सम्मानित किया है।

कुलदीप आर्य एक मजे हुए कारोबारी है। इनकी ग्राहक डील इतनी बेहतर है कि एक बार जुडऩे के बाद लोग हट नहीं सकते। पिछले 22 साल से बिङ्क्षल्डग मैटेरियल  इनके यहां से ही जा रहा है।

- नजीब तल्हा, बिल्डर्स

हमारी चौथी यूनिट हाथरस में तैयार की जा रही है। हर फैक्ट्री के निर्माण में गोकुल बिङ्क्षल्डग मेटेरियल से ही सामान जाता है। गुणवत्ता व बेहतर सर्विस के हम इनके नियमित ग्राहक है।

- विकास मित्तल, चेयरमैन, ग्रुप ऑफ शक्त

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