Shardiya Navratri : अष्‍टमी पर मां दुर्गा के महागौरी स्‍वरूप की हुई पूजा, लगे छप्‍पन भोग Aligarh news

अलीगढ़ जागरण संवाददाता । शारदीय नवरात्रि के अष्टमी को जगत जननी मां दुर्गा के आठवें स्वरुप महागौरी की श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। इसके बाद नगर के गौंडा मार्ग स्थित प्राचीन पथवारी मंदिर पर पहुंच कर मैया का जलाभिषेक किया।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 04:07 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 04:07 PM (IST)
Shardiya Navratri : अष्‍टमी पर मां दुर्गा के महागौरी स्‍वरूप की हुई पूजा, लगे छप्‍पन भोग Aligarh news
शारदीय नवरात्र के अष्टमी को जगत जननी मां दुर्गा के आठवें स्वरुप महागौरी की श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । शारदीय नवरात्र के अष्टमी को जगत जननी मां दुर्गा के आठवें स्वरुप महागौरी की श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। इसके बाद नगर के गौंडा मार्ग स्थित प्राचीन पथवारी मंदिर पर पहुंच कर मैया का जलाभिषेक किया। पथवारी मंदिर पर 38वां मेला आयोजित किया जा रहा है। प्रत्येक दिन माता रानी के अलग-अलग स्वरुपों के दर्शन भक्तों को कराए जा रहे हैं।

दिल्‍ली वाली कालका मां के साक्षात हुए दर्शन

मंगलवार को दिल्ली वाली कालका मां की झांकी सजाकर भक्तों को दर्शन कराए गए। इस दौरान पथवारी मंदिर विद्युत चलित लाइटों से जगमगा रहा था। पथवारी मैया व वैभव लक्ष्मी मैया के भव्य श्रंगार किए गए। मैया को छप्पन भोग लगाए गए। वहीं इगलास की काली ने लांगुराओं के साथ मंदिर पर पहुंच कर करतब दिखाए। इस दौरान मंदिर प्रांगण मां काली के जयघोष से गूंज उठा। इसके बाद पंडित ज्ञानेंद्र उपाध्याय के नेतृत्व में संकीर्तन मंडली द्वरा मैया की भेंट सुनाई गई। देर रात्रि तक श्रद्धालु मैया की भेंट सुनने के लिए मंदिर प्रांगण में जमे रहे। पथवारी मंडल द्वारा प्रसाद वितरण भी किया गया।

अष्टमी को की जाती है महागौरी की आराधना

शारदीय नवरात्रि में महाष्टमी व्रत या दुर्गा अष्टमी व्रत का विशेष महत्व होता है। जो लोग नवरात्र के प्रारंभ वाले दिन व्रत रखते हैं, वे दुर्गा अष्टमी का भी व्रत रखते हैं। दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरुप की आराधना की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को पाने के लिए कई वर्षों तक मां पार्वती ने कठोर तप किया था, जिससे उनके शरीर का रंग काला हो गया था। जब भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए तो उन्होंने उनको गौर वर्ण का वरदान भी दिया। इससे मां पार्वती महागौरी भी कहलाईं। दुर्गा अष्टमी को व्रत करने और मां महागौरी की आराधना करने से व्यक्ति को सुख, सौभाग्य और समृद्धि भी मिलती है। सब पाप भी नष्ट हो जाते हैं।

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