Lockdown extension : डेमो में ही सैकड़ों पीपीई किट खर्च, जानिए विस्तार से Aligarh news
कोरोना के इलाज के दौरान जरूरी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यिुपमेंट (पीपीई) किट की बड़ी संख्या डेमोस्ट्रेशन और संदिग्ध मरीजों को देखने पर ही खर्च हो रही है।
अलीगढ़ जेएनएन : कोरोना के इलाज के दौरान जरूरी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यिुपमेंट (पीपीई) किट की बड़ी संख्या डेमोस्ट्रेशन और संदिग्ध मरीजों को देखने पर ही खर्च हो रही है। अलीगढ़ में तो डेमो और सामान्य जांच में ही 600 किट इस्तेमाल हो गईं, जबकि एक पॉजिटिव मरीज सामने आया है।
एक किट में होता ये सब
वायरस संक्रमित या संदिग्ध मरीजों के बीच काम कर रहे डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर व स्टाफ को खुद को संक्रमण से बचाने के लिए कई चीजें पहननी होती हैं। इनमें मास्क, दस्ताने, गाउन, एप्रन, फेस प्रोटेक्टर, फेश शील्ड, स्पेशल हेलमेट, रेस्पिरेटर्स, आई प्रोटेक्टर, गोगल्स, हेड कवर, शू कवर, रबर बूट््स होते हैं। एक किट की कीमत 500-600 रुपये है।
एक बार किट होती है इस्तेमाल
जनपद में एक ही जमाती संक्रमित मिला है, जबकि करीब 150 संदिग्धों के सैंपल लिए जा चुके हैं। 100 से अधिक सैंपल दो से तीन बार में लिए गए। दीनदयाल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड से पिछले माह एक-एक करके करीब 20 लोगों के नमूने लिए गए। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। मरीजों को भर्ती करने व इलाज के दौरान हैैंडल करने के लिए ट्रेङ्क्षनग व डेमो के दौरान ही काफी किट बेकार हो गईं। किट का एक ही बार इस्तेमाल हो सकता है। उसके बाद उसे नष्ट कर दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार अधिकारियों तक भी मौखिक शिकायत पहुंची कि जिला अस्पताल, छेरत क्वारंटाइन सेंटर, हरदुआगंज समेत कई सीएचसी पर अनावश्यक किट का इस्तेमाल किया गया। एंबुलेंस चालक व स्टाफ भी अनावश्यक किट को इस्तेमाल में ले रहे हैैं। इस तरह 600 किट इस्तेमाल में आ चुकी हैं। विभाग अन्य किट का बंदोबस्त नहीं कर पाया। ऐसे में जिला प्रशासन ने किट व अन्य सामान की आपूॢत का जिम्मा उठाया है। पिछले दिनों 700 किट विभाग को फिर दी गईं। सीएमओ डॉ बीपीएस कल्याण ने बताया कि डेमो के दौरान किट पहनना जरूरी है। किट का फिजूल इस्तेमाल रोकने के लिए कोरोना अस्पताल प्रभारियों, नोडल अफसरों को निर्देश दिए हैं।