लाइव मुठभेड़ यानी योगी सरकार पोषित राजनीति, उठाया, इनाम घोषित किया और मार दिया

रिहाई मंच ने तीन साधुओं समेत छह की हत्या के आरोपित लोगों की पुलिस मुठभेड़ में मौत को राज्य-प्रायोजित एनकाउंटर पॉलिटिक्स करार दिया है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 08:22 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 08:22 PM (IST)
लाइव मुठभेड़ यानी योगी सरकार पोषित राजनीति, उठाया, इनाम घोषित किया और मार दिया
लाइव मुठभेड़ यानी योगी सरकार पोषित राजनीति, उठाया, इनाम घोषित किया और मार दिया

अलीगढ़ (जेएनएन)। पुलिस मुठभेड़ में मार गए बदमाशों को लेकर राजनीतिक दलों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस व रालोद ने मुठभेड़ की जांच सीबीआइ से कराने की मांग कर रही है। तीन साधुओं समेत छह की हत्या के आरोपित लोगों की पुलिस मुठभेड़ में मौत को 'रिहाई मंच' ने राज्य-प्रायोजित एनकाउंटर पॉलिटिक्स करार दिया है। 

योगी सरकार की आपराधिक कार्रवाई

रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा कि यह योगी सरकार की आपराधिक कार्रवाई है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को लिखे पत्र में आरोप भी लगाया कि 16 सितंबर को दोनों को उठाया गया, 18 को इनाम घोषित किया और 20 को मुठभेड़ दिखा दी। मौजूदा एसएसपी अजय साहनी आजमगढ़ में तैनात रहने के दौरान मुठभेड़ के नाम पर हत्या व गोली मारकर जख्मी करने के पांच मामले कर चुके हैैं। उन्होंने मीडिया में वायरल वीडियो का सुप्रीम कोर्ट से भी स्वत: संज्ञान लेकर जांच कराने की मांग की। इसकी प्रति सुप्रीम कोर्ट, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व राज्य मानवाधिकार आयोग को भी दी गई है।

मुठभेड़ की कहानी में काफी झोलः रालोद

रालोद के जिलाध्यक्ष रामबहादुर चौधरी ने मुठभेड़ की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है। साथ कहा कि पुलिस तानाशाही पर उतर आई है। मुठभेड़ की कहानी में काफी झोल है। इसकी उन्होंने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद जयंत चौधरी को जानकारी दी। इसके अलावा रालोद का प्रतिनिधि मंडल अतरौली जाकर एनकाउंटर में मारे गए नौशाद और मुस्तकीम के परिजनों से मुलाकात कर चुका है। 

हमेशा इंसानियत की लड़ी लड़ाई

पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने पिछले 34 साल से इंसानियत व सच्चाई की लड़ाई लड़ी है। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आगे भी लड़ेंगे। मुठभेड़ की जांच सीबीआइ से होनी चाहिए। इसके अलावा विभिन्न स्वयंसेवी मंच मामले में सामने आ रहे है।

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