Live Aligarh Coronavirus Lockdown 4 News: बदल रही coronavirus की प्रवृत्ति, अचानक पैदा हो रहे घातक लक्षण, मृत्यु दर बढ़ी

प्रदेश में कोरोना से झांसी (13.33) के बाद अलीगढ़ में लगभग 10 फीसद की दूसरी सर्वाधिक मृत्यु दर है। विशेषज्ञ मान रहे हैैं कि इलाज में देरी इसकी बड़ी वजह है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Sun, 24 May 2020 02:56 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 11:11 AM (IST)
Live Aligarh Coronavirus Lockdown 4 News: बदल रही coronavirus की प्रवृत्ति, अचानक पैदा हो रहे घातक लक्षण, मृत्यु दर बढ़ी
Live Aligarh Coronavirus Lockdown 4 News: बदल रही coronavirus की प्रवृत्ति, अचानक पैदा हो रहे घातक लक्षण, मृत्यु दर बढ़ी

अलीगढ़ [विनोद भारती]: प्रदेश में कोरोना से झांसी (13.33) के बाद अलीगढ़ में लगभग 10 फीसद की दूसरी सर्वाधिक मृत्यु दर है। विशेषज्ञ मान रहे हैैं कि इलाज में देरी इसकी बड़ी वजह है। यदि समय रहते मरीज अस्पताल पहुंचें तो इस दर को कम किया जा सकता है। वैसे एक चिंता की बात और भी है कि कोरोना वायरस अपनी प्रवृत्ति बदल रहा है। मरीज में वायरस अचानक घातक हो जाता है।

मेडिकल में पहुंचते ही दम तोड़ा

जिले में संक्रमण का पहला मामला नौ अप्रैल को सामने आया तो पहली मौत 29 अप्रैल को उस्मानपाड़ा के मीट विक्रेता की हुई। शनिवार तक 125 संक्रमित मिले हैैं, इसमें से12 संक्रमितों की मौत हो गई। इनमें छह कारोबारी भी शामिल हैं। दो मरीजों ने तो मेडिकल कॉलेज की चौखट पर पहुंचते समय दम तोड़ दिया। वहीं कुछ की 24 से 48 घंटे के भीतर मौत हो गई। कुछ अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त थे, जिसके चलते जान नहीं बचाई जा सकी। विशेषज्ञों के अनुसार जिन मरीजों की जान गई, उनमें से ज्यादातर को शुरुआत में कोरोना के हल्के-फुल्के या फिर लक्षण ही नहीं थे। अचानक तबीयत बिगड़ी और ङ्क्षजदगी की जंग हार गए। हां कई मरीजों को सारी (सीवियर एक्यूटर रेस्पाइरेट्री इन्फेक्शन) या सीवियर निमोनिया था। ऐसे मरीजों के फेफड़ों ने डॉक्टरों के देखते ही देखते अचानक काम करना बंद कर दिया।

बदलाव को लेकर हो रहे शोध

सीएमओ डॉ.भानुप्रताप कल्याणी का कहना है कि जिले में मृत्यु दर अधिक होना ङ्क्षचता का विषय है। देशभर में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें स्वस्थ दिख रहे व्यक्ति में अचानक कोरोना के गंभीर लक्षण उभर आए और अगले ही दिन चल बसे। वायरस की प्रवृत्ति में इस बदलाव को लेकर वैज्ञानिक भी शोध कर रहे हैं। मरीज लक्षण दिखते ही जिला अस्पताल या दीनदयाल चिकित्सालय की फीवर क्लीनिक मेें स्क्रीङ्क्षनग कराएं।

मरीज आ रहे आखिरी समय पर

प्रो. शाहिद सिद्दीकी, प्रिंसिपल जेेएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर शाहिद सिद्दीकी का कहना है कि जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से अधिकांश आखिरी समय में मेडिकल आए थे। तीन केसे ऐसे थे, जिनका पहले से इलाज चल रहा था। संक्रमितों को समय पर इलाज मिल जाए तो ठीक होने का अनुपात बेहतर हो सकता है। मेडिकल से ऐसे मरीज भी ठीक होकर गए हैं, जो 60 साल तक की उम्र के हैं। इनमें डायबिटीज वाले भी हैं। कोरोना के लक्षण अचानक सामने नहीं आते। कुछ तो वक्त लगता है। लोगों को चाहिए कि बुखार, खांसी, जुकाम होने पर देरी न करें।

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