क्यूआर कोड न मिला तो निरस्त होंगे खाद-बीज केंद्रों के लाइसेंस Aligarh News
उर्वरक की कैशलेस खरीद पर जोर दे रहे कृषि विभाग ने खाद-बीज केंद्रों पर क्यूआर कोड अनिवार्य कर दिया है। अफसरों ने हिदायत दी है कि क्यूआर कोड नहीं मिला तो खाद-बीज केंद्र का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
अलीगढ़, जेएनएन। उर्वरक की कैशलेस खरीद पर जोर दे रहे कृषि विभाग ने खाद-बीज केंद्रों पर क्यूआर कोड अनिवार्य कर दिया है। अफसरों ने हिदायत दी है कि क्यूआर कोड नहीं मिला तो खाद-बीज केंद्र का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। हालांकि, अलीगढ़ में करीब 90 फीसद से अधिक कारोबारी उर्वरक का कैशलेस कारोबार कर रहे हैं।
कृषि विभाग में कैशलेस प्रणाली लागू
सरकारी विभागों में कैशलेस प्रणाली पर जोर दिया जा रहा है। नगर निगम में गृहकर जमा करने वालों में 60 फीसद लोग आनलाइन पेमेंट करते हैं। विद्युत विभाग में भी ऐसे लोगों का प्रतिशत बढ़ रहा है। कृषि विभाग ने भी कैशलेस प्रणाली लागू कर दी है। खाद-बीज केंद्रों पर यूरिया, डीएपी, बीज आदि का कारोबार होता है। विभागीय अधिकारियों ने थोक व फुटकर विक्रेताओं को कैशलेस व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे। कारोबारियों ने अपनी फर्मों पर पेटीएम, गूगल पे अादि के जरिए पेमेंट लेना शुरू कर दिया। लेकिन, यह व्यवस्था पूरी तरह लागू नहीं हो सकी। थोक व्यापारियों से यूरिया, डीएपी आदि की खरीदने के लिए फुटकर कारोबारी कैश पेमेंट कर रहे थे। विभागीय अधिकारियों ने इस पर भी अंकुश लगा दिया। साथ ही खाद-बीज की सभी फर्मों पर क्यूआर कोड अनिवार्य कर दिया।
आनलाइन पेमेंट से पारदर्शिता
जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह बताते हैं कि आनलाइन पेमेंट से पारदर्शिता बनी रहती है। कितना पेमेंट किया, इसका साक्ष्य भी रहता है। जबकि कैश पेमेंट में अगर रसीद न मिले तो कितना पेमेंट किया, इसका सबूत नहीं दे सकते। किसानों के लिए भी यह फायदेमंद है। फर्माें के निरीक्षण के दौरान क्यूआर कोड भी देखा जा रहा है।