मुख्यमंत्री योगी को लिखा पत्र, बंदी के जेल में प्रवेश करते ही शुरू हो जाती है उगाही Aligarh News

जेल में बिताए 56 दिनों का हिसाब मांगने वाले आरटीआइ एक्टिविस्ट केशव देव ने आगरा से भी जवाब न मिलने पर अब मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। कहा है कि जेल में झूठे केसों में कई बंदी बंद है। उनकी जांच कराकर रिहाई कराई जाए।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 09:23 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 09:23 AM (IST)
मुख्यमंत्री योगी को लिखा पत्र, बंदी के जेल में प्रवेश करते ही शुरू हो जाती है उगाही Aligarh News
जेल में झूठे केसों में कई बंदी बंद है। उनकी जांच कराकर रिहाई कराई जाए।

अलीगढ़, जेएनएन। जेल में बिताए 56 दिनों का हिसाब मांगने वाले आरटीआइ एक्टिविस्ट केशव देव ने आगरा से भी जवाब न मिलने पर अब मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। कहा है कि जेल में झूठे केसों में कई बंदी बंद है। उनकी जांच कराकर रिहाई कराई जाए। साथ ही जो बंदी वहां रह रहे हैं, उन पर ध्यान दिया जाए। केशवदेव ने पत्र में कहा है कि बंदी के जेल में प्रवेश करते ही जेल में अवैध उगाही चालू हो जाती है।  

यह है मामला

मेलरोज बाईपास स्थित प्रिंस नगर निवासी केशव देव भ्रष्टाचार विरोधी सेना के अध्यक्ष व आइटीआइ एक्टिविस्ट भी हैं। फरवरी 2019 में केशव के खिलाफ बन्नादेवी थाने में जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने 25 फरवरी 2019 को केशव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 20 अप्रैल तक यानी 56 दिन बाद केशव देव जेल से बाहर आए। 22 नवंबर 2020 को केशव ने जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जिला कारागार में बिताए दिनों का हिसाब मांगा। पत्र में लिखा कि उनके रखरखाव पर हुए खर्चों की सूचना उपलब्ध कराई जाए। जैसे तेल-साबुत, रात्रि पहरा इत्यादि। साथ ही इस अवधि में दी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जाए। केशव ने संबंधित रजिस्टरों की छायाप्रति व प्रमाणित प्रति भी मांगी। पोस्ट के जरिये यह पत्र 25 नवंबर 2020 को जिला कारागार में पहुंचा। इस पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक की तरफ से जवाब भेजा गया कि कारागार में निरुद्ध हुए प्रत्येक बंदी के रखरखाव पर होने वाले विभिन्न प्रकार के खर्च किसी रजिस्टर में अंकित नहीं होते हैं। ऐसे में इनका विवरण दिया जाना संभव नहीं है। बंदियों को जेल मैनुअल के हिसाब से सुविधाएं दी जाती हैं। 

विशिष्ट सूचना चाहिए तो कार्यालय से आकर लें 

जेल प्रशासन के जवाब से असंतुष्ट केशव ने 23 दिसंबर 2020 को फिर से आरटीआइ के जरिये दूसरा पत्र भेजकर इन्हीं सवालों के जवाब मांगे। यह पत्र 24 दिसंबर को जेल में पहुंचा। जेल प्रशासन ने फिर से वही जवाब दोहराया। साथ ही लिखा कि कोई विशिष्ट सूचना चाहिए तो किसी भी कार्य दिवस पर कार्यालय से संपर्क कर सूचना ली जा सकती है। पत्र में ये भी लिखा है कि इस सूचना से संतुष्ट नहीं हैं तो प्रथम अपीलीय अधिकारी पुलिस उप महानिरीक्षक कारागार, आगरा परिक्षेत्र से अपील कर सकते हैं।   

आगरा से मिला जवाब

पुलिस उप महानिरीक्षक कारागार, आगरा परिक्षेत्र की ओर से भेजे गए जवाब में कहा गया है कि आपको सही व संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जा चुकी है। इसमें अलीगढ़ जेल के जवाब को भी जोड़ा गया है। ऐसे में अब केशवदेव राज्य सूचना आयोग व मुख्यमंत्री से अपील करेंगे।

मुख्यमंत्री व राज्य सूचना आयुक्त को लिखा पत्र 

केशवदेव ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि बंदी से अलग-अलग चरणों में वसूली की जाती है। बिना पैसे वाले बंदियों का शोषण होता है। ऐसे में इनकी जांच कराई जाए।

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