बाड़ के तार से सुलझेगी तेंदुआ की मौत की गुत्थी, जानिए क्या है मामला Aligarh News

तेंदुआ खेत में जंगली जानवरों को रोकने के लिए बनाई गई बाड़ में फंसा था। उसका शरीर झुलसा हुआ था। बरेली के इंडियन वेटरनिटी एंड रिसर्च सेंटर (आइवीआरआइ) में शव का पोस्टमार्टम भी हुआ लेकिन मृत्यु के कारण का स्पष्ट पता नहीं चला।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 10:59 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 11:01 AM (IST)
बाड़ के तार से सुलझेगी तेंदुआ की मौत की गुत्थी, जानिए क्या है मामला Aligarh News
तेंदुआ खेत में जंगली जानवरों को रोकने के लिए बनाई गई बाड़ में फंसा था।

अलीगढ़, जेएनएन।  जवां क्षेत्र में बरौली ईदगाह के पास पिछले दिनों खेत में एक तेंदुआ का शव मिला। यह तेंदुआ खेत में जंगली जानवरों को रोकने के लिए बनाई गई बाड़ में फंसा था। उसका शरीर झुलसा हुआ था। बरेली के इंडियन वेटरनिटी एंड रिसर्च सेंटर (आइवीआरआइ) में शव का पोस्टमार्टम भी  हुआ, लेकिन मृत्यु के कारण का स्पष्ट पता नहीं चला। अब आइवीआरआई के वैज्ञानिकों ने मामले में फारेंसिंक जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिस तार की बाड़ में तेंदुए का शव फंसा मिला, उसका टुकड़ा मांगा है। 

प्रभागीय उप निदेशक सतीश कुमार ने बताया कि किसान ने आलू के खेत को जंगली जानवरों से बचाने के लिए कंटीले तार लगा रखे हैं। शाम को इनमें करंट छोड़ दिए जाने की बात सामने आई। विभाग को झुलसी हालत में ही शव मिला। जनपद की अन्य रेंजों से तेंदुआ की उपस्थिति से संबंधित जानकारी ली गई। सभी वन क्षेत्राधिकारियों ने कभी भी यहां कोई तेंदुआ दिखाई न देने की बात कही। हालांकि, विगत वर्षों में हाथरस के सादाबाद व मथुरा क्षेत्र में तेंदुआ नजर आए। समीपवर्ती जनपद बुलंदशहर में भी तेंदुआ दिखाई देने की चर्चा कई बार प्रकाश में आईं, लेकिन अलीगढ़ में तेंदुआ की उपस्थिति पहली बार दिखी है। विगत शुक्रवार को बरेली में तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम हुआ। इस श्रेणी के वन्य जीवों की मृत्यु की दशा में बरेली स्थित इंडियन वेटरनिटी रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों की टीम ही पोस्टमार्टम करती है।इसलिए तेंदुआ का शव बरेली लेकर गए, मगर अभी तक रिपोर्ट नहीं मिल पाई है। 

अब होगी फारेंसिंग जांच 

उप निदेशक ने बताया कि  आइवीआरआई के विशेषज्ञों ने जिस खेत की बाड़ में तेंदुआ फंसा हुआ था, उसके तार का टुकड़ा मांगा है। दरअसल, इसी तार में छोड़े गए करंट से झुलसने की बात सामने आई। अब विशेषज्ञ इस तार की फारेंसिक जांच कराना चाहते हैं, जो देहरादून स्थित प्रयोगशाला में होगी। यहां से तार काटकर भेज दिया गया है। तार में जले हुए अवशेष व खून आदि की फारेंसिंक जांच से पता चल जाएगा कि क्या वाकई तेंदुआ करंट की चपेट में आने से मरा। अलीगढ़ में पहली बार कोई तेंदुआ दिखा था, लेकिन शव के रूप में।

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