सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र में छोड़ा अलीगढ़ से पकड़ा तेंदुआ, जानिए विस्‍तार से

छर्रा क्षेत्र के बरौली स्थित चौ. निहाल सिंह इंटर कालेज से नौ घंटे का रेस्क्यू करके पकड़ा गया तेंदुआ गुरुवार सुबह सहारनपुर जनपद के शिवालिक वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया। इससे पहले तेंदुएं का मेडिकल चेकअप किया गया है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 11:57 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 11:57 AM (IST)
सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र में छोड़ा अलीगढ़ से पकड़ा तेंदुआ, जानिए विस्‍तार से
शिवालिक वन क्षेत्र में काफी संख्या में तेंदुएं पाए जाते हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। छर्रा क्षेत्र के बरौली स्थित चौ. निहाल सिंह इंटर कालेज से नौ घंटे का रेस्क्यू करके पकड़ा गया तेंदुआ गुरुवार सुबह सहारनपुर जनपद के शिवालिक वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया। इससे पहले तेंदुएं का मेडिकल चेकअप किया गया है। शिवालिक वन क्षेत्र में काफी संख्या में तेंदुएं पाए जाते हैं, और इसे टाइगर रिजर्व एरिया बनाने की कवायद भी हो रही है। उधर, तेंदुएं पकड़ा जाने के बाद छर्रा में ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

ऐसे पकड़ा गया था तेंदुआ

छर्रा कस्बा व बरौली गांव के बीच चौ. निहाल सिंह इंटर कालेज में बुधवार को तेंदुआ घुस गया था। दूसरी मंजिल पर बने कमरा नंबर 10 में हाईस्कूल की कक्षाएं चलती हैं। यहां पर बरौली निवासी छात्र लकी राज सिंह अपने दोस्त मनोज के साथ जैसे ही अंदर घुसे तो पहले से कमरे के अंदर बैठे तेंदुआ ने लकी पर छलांग माकर हमला कर दिया। घायल लकी व अन्य छात्रों ने भागकर अपनी जान बचाई। करीब आठ घंटे तक तेंदुआ का राज रहा।

कालेज प्रबंधक योगेश्वर सिंह की सूचना पर स्थानीय पुलिस व वन विभाग को दी। आगरा वाइल्ड लाइफ की टीम के अलावा हाथरस व कासगंज की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया। ऐसे में वन विभाग के कर्मियों ने कालेज परिसर को चारों तरफ जाल बिछा दिया गया। सीढ़ियों के रास्ते को बंद कर दिया। क्रैन मशीन लगाई गई। सीसीटीवी व ड्रोन के माध्यम से इसकी निगरानी की गई। शाम को साढ़े छह बजे करीब जैसे ही तेंदुआ बरामदे से कमरे के अंदर गया, वैसे ही प्लाईवुड से गेट को बंद कर दिया। इसके बाद चिकित्सक ने गन से तेंदुआ को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। कुछ देर में तेंदुआ बेहोश हो गया। इसके बाद रेस्क्यू टीम ने इसे पिंजरे में कैद कर लिया। करीब आठ घंटे तक यह रेस्क्यू आपरेशन चलता रहा। पूरे कस्बे में दशहत रही। डीएफओ दिवाकर वशिष्ठ ने अलीगढ़ जिले में पहली बार इस तरह तेंदुआ का सफल आपरेशन हुआ है। नर तेंदुआ की उम्र करीब सात से आठ साल के करीब है। आशंका है कि यह गंगा किनारे चलते हुए यहां पहुंचा है।

रात में ही शिवालिक रवाना हो गई टीम

तेंदुआ को पकड़ने के बाद वन विभाग की टीम उसे छेरत वन चेतना केंद्र लेकर पहुंची। गन के इंजेक्शन से तेंदुआ बेहोश हो गया था। टीम उस पर नजर बनाए रही। पशु चिकित्साधिकारी डा. राहुल ने उसका मेडिकल चेकअप किया। रात करीब 10 बजे तेंदुआ की बेहोशी टूटनी शुरू हो गई। प्रभागीय वन निदेशक दिवाकर कुमार वशिष्ठ ने बताया कि देररात 12.30 बजे तेंदुआ पूर्ण रूप से होश आया। इसके बाद मुख्य वन संरक्षक से तेंदुआ को किसी रिजर्व एरिया में छोड़ने की अनुमति मांगी गई। तेंदुआ को सहारनपुर जनपद के शिवालिक वन क्षेत्र में छोड़ा गया, जो टाइगर संरक्षित क्षेत्र है। देररात डेढ़ बजे उप प्रभागीय निदेशक सतीश कुमार, वन क्षेत्राधिकारी विनितोष शर्मा तेंदुआ को लेकर सहारनपुर रवाना हो गई। यहां स्थानीय डीएफओ से संपर्क किया गया। उनकी टीम के साथ पिंजरे में बंद तेंदुआ को यहां बादशाही बाग के पास ले गए। यहां सावधानी के साथ रस्सी के जरिए पिंजरे का दरवाजा खोला गया। पिंजरा खुलते ही तेंदुआ वन क्षेत्र में घुसकर ओझल हो गया। इसके बाद टीम वापस लौट आई।

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