पीड़ितों को देर से न्याय मिलना भी अन्याय की श्रेणी में Aligarh news

न्यायपालिका से पीडि़तों को देर से न्याय मिलना भी अन्याय की श्रेणी में आता है। सनातन व्यवस्था ने समाज को व्यवस्थित किया न कि विभाजित जबकि संविधान ने समाज को विभाजित किया है। मनु व्यवस्था को गाली देने वालाेें को समझना चाहिए व्यवस्था में वर्ण परिवर्तित किया जा सकता था।

By Parul RawatEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 12:41 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 12:41 PM (IST)
पीड़ितों को देर से न्याय मिलना भी अन्याय की श्रेणी में Aligarh news
भ्रष्टाचारियों को खदेड़ कर शुचिता का शासन स्थापित हो

हाथरस, जेएनएन : न्यायपालिका से पीडि़तों को देर से न्याय मिलना भी अन्याय की श्रेणी में आता है। सनातन व्यवस्था ने समाज को व्यवस्थित किया, न कि विभाजित, जबकि संविधान ने समाज को विभाजित किया है। मनु की व्यवस्था को गाली देने वाले तत्वों को समझना चाहिए कि उस व्यवस्था में अपना वर्ण परिवर्तित किया जा सकता था, लेकिन संविधान इस बात की व्यवस्था नहीं देता। आज समाज को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है, भ्रष्टाचारियों को खदेड़ कर शुचिता का शासन स्थापित हो और सभी को न्याय मिले। यही कर्मयोग सेवा संघ का उद्देश्य है। ऐसे कर्मयोगी ही समाज को दिशा दे सकते हैं। उक्त बातें काशी सुमेरु पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कर्मयोग सेवा संघ द्वारा साईं आनन्द वल्लभ विद्यालय में आयोजित शस्त्र पूजन, हलधर सम्मान, सैनिक सम्मान और चतुर्थ स्थापना दिवस के अवसर पर कही।


संगठन में बड़़ी़ विचारधारा 

पूर्व विधायक सुरेश प्रताप गांधी ने कहा कि कर्मयोग सेवा संघ आज क्षेत्र में सबसे सफल तरीके से भ्रष्टाचारियों से लड़ रहा है। विशिष्ट अतिथि रामजीलाल वाल्मीकि ने कहा कि  सभी जातियों में प्रेम का संचार करने का काम कर्मयोग सेवा संघ कर रहा है। विशिष्ट अतिथि बादशाह सिंह लोधी ने कहा कि किसान और जवानों का सम्मान कर संगठन ने सिद्ध कर दिया है कि संगठन एक बड़ी विचारधारा को समेटे हुए है।


कार्यकर्ताओं का उत्‍पीड़न सहन नहीं करेंगे

कार्यक्रम के अध्यक्ष कैप्टन शेर सिंह यादव ने कहा कि संगठन के कार्यकर्ताओं का उत्पीडऩ समाज सहन नहीं करेगा। संचालन डॉ. प्रदीप गर्ग तथा अजय पालीवाल एडवोकेट ने किया। कार्यक्रम के दौरान हलधर किसान, पूर्व सैनिक व पत्रकारों का सम्मान किया गया। तारकेश्वर पचौरी, विनय पचौरी, उमेश शर्मा, कुलवीर यादव, रूपकिशोर शर्मा, वीरेंद्र ङ्क्षसह चौहान, दिनेश यदुवंशी, महेश पुंढीर एड., अजय वर्मा, पवन शर्मा, अंकित ठाकुर, रमेश पुंढीर, योगेश पुंढीर, रामकुमार वाष्र्णेय,   आरपी ङ्क्षसह, सुभाष कुमार, चेतन शर्मा, आकाश पुंढीर, संदीप कुमार, मुनिपाल ङ्क्षसह, मोहन ङ्क्षसह, लवकुश पुंढीर आदि मौजूद थे। 

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