कैंसर रोग को दूर करने में सहायक रही है लेजर तकनीक Aligarh news

प्रो. गुरूदास ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालय में शोध के महत्व पर जोर देना और शिक्षकों को प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि कैंसर अबतक असाध्य रोग माना जाता रहा है। लेकिन कैन्सर के लक्षणों को पहचानकर उसका निदान किसी हद तक किया जा सकता है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 02:50 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 02:50 PM (IST)
कैंसर रोग को दूर करने में सहायक रही है लेजर तकनीक Aligarh news
मंगलायतन विश्वविद्यालय में शुक्रवार से सेमिनार श्रृंखला की शुरूआत हुई।

अलीगढ़, जेएनएन । मंगलायतन विश्वविद्यालय में शुक्रवार से सेमिनार श्रृंखला की शुरूआत हुई। श्रृंखला के प्रथम दिन डायरेक्टर रिसर्च एन्ड अकादमिक प्रो. गुरूदास उल्लास ने "लेजर्स विद जेंटल टच" विषय पर अपनी बात रखी। प्रो. गुरूदास ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालय में शोध के महत्व पर जोर देना और शिक्षकों को प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि कैंसर अबतक असाध्य रोग माना जाता रहा है। लेकिन कैन्सर के लक्षणों को पहचानकर उसका निदान किसी हद तक किया जा सकता है। लेजर तकनीक कैंसर रोग को दूर करने में सहायक रही है। हिस्टोपैथोलॉजी का प्रयोग कैंसर को खोजने के लिए किया जा रहा है।

कार्यक्रम का उद्देश्य शोध पर अधिक जोर देना और शिक्षकों को अनुसन्धान के लिए प्रेरित करना है

कुलपति प्रो केवीएसएम कृष्णा ने दीप प्रज्वल्लन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालय में शोध पर अधिक जोर देना और शिक्षकों को अनुसन्धान के लिए प्रेरित करना है। संचालन नियति शर्मा ने किया। इस दौरान प्रो जयंतीलाल जैन, प्रो असगर अली अंसारी, प्रो आरके शर्मा, डॉ दिनेश शर्मा, डॉ राजीव शर्मा, डॉ अनुराग शाक्य, डॉ अशोक उपाध्याय, डॉ सैयद दानिश, डॉ शिव कुमार, डॉ पूनम रानी,डॉ दीपशिखा सक्सेना, राजेश उपाध्याय, मोहन माहेश्वरी, मनीषा उपाध्याय, अभिषेक गुप्ता, डॉ जावेद वसीम, डॉ आरके घोष, डॉ जीवन कुमार, डॉ सुलभ चतुर्वेदी, डॉ मोहम्मद शाकिब, वसीम अहमद आदि मौजूद थे।

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