जल उठी सोने की लंका, दहल उठे लंकावासी

अचलताल स्थित श्रीराम लीला महोत्सव में लंका दहन की लीला का मंचन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 11:31 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 11:31 PM (IST)
जल उठी सोने की लंका, दहल उठे लंकावासी
जल उठी सोने की लंका, दहल उठे लंकावासी

जासं, अलीगढ़ : अचलताल स्थित श्रीराम लीला महोत्सव में लंका दहन की लीला का मंचन किया गया। कलाकारों के बेहतरीन अभिनय और संवाद से पूरा परिसर जयश्रीराम के जयघोष से गूंजता रहा। हनुमानजी ने लंका को जलाकर रखा कर दिया, जिससे लंका में भगदड़ मच गई।

बुधवार को मंचन में वानर सेना सीता की खोज के लिए तैयारी कर रही थी। प्रभु श्रीराम-लक्ष्मण के मध्य उपस्थित सुग्रीव, जामवंत और अंगद में तय हुआ कि लंका हनुमान को भेजा जाए। वह समुंदर पार करके सीता का पता लगाने जाएं। जामवंत समेत वानरी सेना ने हनुमानजी का बल याद दिलाया। हनुमानजी जयश्रीराम का जयघोष करते हुए लंका पहुंच गए। माता सीता का दर्शन करने के बाद वह अशोक वाटिका पहुंचे। यहां पर उन्होंने वाटिका को तहस-नहस कर दिया। रावण के पुत्र अक्षय का वध कर दिया। हनुमान को पकड़कर रावण की राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया। अंत में निर्णय हुआ कि हनुमान की पूंछ में आग लगा दी जाए, ज्यों ही पूंछ में आग लगाई गई हनुमानजी पवन की तरह उड़ चले। उन्होंने सोने की लंका को जलाकर भस्म कर दिया। श्री आदर्श रामलीला मंडल, मथुरा के कलाकारों ने लंका दहन के ²श्य का बेहतरीन मंचन किया। संचालक राघवेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि अलीगढ़ में पहली बार इस तरह का लंका दहन ²श्य दिखाया गया है। रामलीला में महोत्सव संयोजक अरविद, सह संयोजक ऋषभ गर्ग, सह संयोजक संयम पाराशर, उप सभापति डा. मुकेश शर्मा आदि मौजूद थे।

कल होगा रावण दहन, बेहतरीन होगी आतिशबाजी

अचलताल स्थित रामलीला मैदान में शुक्रवार को रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। इस बार रामलीला मैदान में ही पुतला दहन होगा। कोरोना के चलते तैयारी में समय कम मिलने के कारण श्रीराम लीला गोशाला कमेटी के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया था। इसलिए नुमाइश मैदान में पुतला दहन नहीं किया जाएगा। सह संयोजक ऋषभ गर्ग ने बताया कि पुतला तैयार हो गया है। शुक्रवार को दोपहर तक पुतला खड़ा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जगह कम होने के चलते पुतले की लंबाई 20 फिट ही रखी गई है। सिर्फ रावण का पुतला दहन किया जाएगा।

कुंभकर्ण का वध

श्री ग्यासीराम रामलीला महोत्सव में भी कलाकारों ने सुंदर मंचन किया। रावण को सूचना मिलती है कि लक्ष्मण की मूर्छा दूर हो गई है। फिर से श्रीराम की सेना युद्ध की तैयारी कर रही है। इसपर रावण अपने भाई कुंभकर्ण के पास पहुंचता है, उन्हें गहरी नींद से जगाने के बाद युद्ध के लिए तैयार करता है। अंत में कुंभकर्ण युद्ध के मैदान में पहुंचता है। राम की सेना से उसका भीषण युद्ध होता है। प्रभु श्रीराम ने रावण का वध कर दिया। जिससे रावण की सेना में शोक छा जाता है।

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