जानिए वाहन संचालन में किन छह कारणों से होते हैं सड़क हादसे Aligarh News

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा एवं जागरुकता सप्ताह में छठवें दिन मंगलवार को संभागीय परिवहन कार्यालय के सारथी भवन में सेव लाइफ फाउंडेशन के सहयोग से वाहन चालकों काे एक दिवसीय फस्र्ट रेस्पांडर प्रशिक्षण दिया गया। दुर्घटना का प्रमुख कारण नींद और थकान है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 05:08 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 05:08 PM (IST)
जानिए वाहन संचालन में किन छह कारणों से होते हैं सड़क हादसे Aligarh News
वाहन चालकों काे एक दिवसीय फस्र्ट रेस्पांडर प्रशिक्षण दिया गया।

अलीगढ़, जेएनएन। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा एवं जागरुकता सप्ताह में छठवें दिन मंगलवार को संभागीय परिवहन कार्यालय के सारथी भवन में सेव लाइफ फाउंडेशन के सहयोग से वाहन चालकों काे एक दिवसीय फस्र्ट रेस्पांडर प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष रूप से जोर रहा। संबंधित वाहन चालकों को विभिन्न पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया।

हादसे का प्रमुख कारण नींद और थकान

क्ताओं ने बताया कि दुर्घटना का प्रमुख कारण नींद और थकान है। नींद और थकान पर काबू पाने के लिये पर्याप्त सोना, पानी का सेवन करते रहना, आराम करना, छोटे-छोट भोजन करना तथा व्यायाम करना शामिल है। दुर्घटना का दूसरा कारण वाहन का असुरिक्षत होना है। इसके लिये टायर का दबाव, ब्रेक पैड, तेल और कूलेंट टायर की दशा आदि का ध्यान रखना जरूरी है। दुर्घटना का तीसरा कारण अन्य वाहन चालकों के रोड यूजर के व्यवहार को पहचानना है। इसलिए हमेशा मुड़ने से पहले रियर- मिरर के साथ-साथ अपने दाएं और बाएं भी देखना चाहिए। अचानक वाहन को रोकना या मोड़ना नहीं चाहिए। दुर्घटना का चौथा कारण खराब सड़कें एवं मौसम है। धुंध, कोहरा, वर्षा, आंधी वाले मौसम में धीमी गति से गाड़ी चलानी चाहिए। अंधे मोड़ पर हार्न बजाना चाहिए। दुर्घटना का पांचवा कारण नशा करके वाहन चलाना है। इससे दुर्घटना होने की आशंका दो गुना तक बढ़ जाती है। दुर्घटना का छठां कारण ओवरस्पीडिंग है। इससे वाहन को रोकने का रेस्पांस टाइम कम हो जाता है। जिसके कारण वाहन अचानक रूक नहीं पाता है और दुर्घटना का कारण बनता है। आरटीओ प्रवर्तन फरीदउद्दीन ने कहा कि देश में पूरे विश्व के केवल दो प्रतिशत वाहन हैं और 11 फीसद दुर्घटनाएं भारत में होती हैं। 80 फीसद दुर्घटना चालकों की गलती के कारण होती है। देश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ लाख व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है। प्रत्येक मिनट पर एक व्यक्ति प्रत्येक घंटे में 16 व्यक्ति, प्रत्येक दिन लगभग 400 व्यक्तियों की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हो जाती है। इससे होने वाला आर्थिक नुकसान बहुत ज्यादा है जो कि देश के कुल सकल घरेलू उत्पादन का तीन फीसद है।

ओवरस्‍पीड प्रमुख कारण 

एआरटीओ प्रवर्तन अमिताभ चतुर्वेदी ने बताया कि चालक की बरती जाने वाली सबसे बड़ी लापरवाही ओवरस्पीडिंग है। 60 फीसद दुर्घटनाएं इसी कारण होती हैं। सड़क दुर्घटनाओं में सर्वाधिक 40 प्रतिशत दोपहिया चालक ही प्रभावित होते हैं। दोपहिया वाहन चलाते समय यदि हेलमेट ठीक ढंग से पहना जाए तो सिर पर चोट लगने से होने वाली मृत्यु को कम किया जा सकता है। कार्यक्रम में एआरटीओ प्रशासन रंजीत सिंह ने दुर्घटना के पहले घंटे को महत्वपूर्ण है। घायल को समुचित प्राथमिक चिकित्सा और अन्य चिकित्सीय सहायता मिल जाती है तो उसके बचने एवं ठीक होने की संभावना काफी अधिक हो जाती है।

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