Kisan Panchayat : कांग्रेस ने हल चलाया, सपा ने काट ली फसल
सियासत की बिसात पर कौन कब किसको मात दे दे कहना मुश्किल है। कृषि कानूनों को मुद्दा बनाकर गांव-गांव किसान चौपाल कांग्रेस ने कीं। संगठन सृजन अभियान के तहत भी किसानों से संपर्क साधा। यूं कहें कि बंजर हो चुकी भूमि पर कांग्रेस ने मेहनत का हल चलाया।
अलीगढ़, विनोद भारती। सियासत की बिसात पर कौन कब किसको मात दे दे, कहना मुश्किल है। कृषि कानूनों को मुद्दा बनाकर गांव-गांव किसान चौपाल कांग्रेस ने कीं। संगठन सृजन अभियान के तहत भी किसानों से संपर्क साधा। यूं कहें कि बंजर हो चुकी भूमि पर कांग्रेस ने मेहनत का हल चलाया, मगर फसल काटने की बारी आई तो साइकिल पर सवार हुए बिजेंद्र ङ्क्षसह बाजी मार ले गए। टप्पल में किसान महापंचायत का आयोजन करके कांग्रेस की फसल को सपा ने काट लिया। पलटवार करते हुए कांग्रेस भी जल्द यहां प्रियंका गांधी वाड्रा की जनसभा करेगी।
बदलनी पड़ेगी रणनीति
सपा ने शुक्रवार को टप्पल में किसान पंचायत की। पार्टी के नेता उम्मीद से अधिक भीड़ जुटाने में सफल रहे। किसानों के नाम पर बुलाई गई पंचायत में भीड़ से भाजपा ही नहीं, दूसरे दलों के नेताओं को भी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। कांग्रेस खेमे में सबसे ज्यादा बेचैनी है। सूबे में कांग्रेस की हालत ठीक नहीं है। उसे विधानसभा व लोकसभा चुनाव से लेकर छोटे चुनावों में भी सम्मानजनक सीटों के लिए जिद्दोजहद करनी पड़ रही है। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा संगठन में जान फूंकने की कोशिश कर रही हैं। सृजन अभियान चल रहा है, जिसे कई बार विस्तार भी दिया गया। इसमें गांव-गांव बैठकें हुईं। प्रांतीय नेता भी आए। इसी तरह पूरे फरवरी किसान चौपाल का आयोजन हुआ। कांग्रेसियों को उम्मीद थी कि इन अभियानों से पार्टी गांवों में मजबूत होगी, लेकिन सपा ने जोर का झटका धीरे से दे दिया। होना ये था कि दोनों अभियानों के बाद यहां प्रियंका या अन्य राष्ट्रीय नेता की जनसभा होनी चाहिए थी, ताकि किसानों-ग्रामीणों को साधा जा सके।
बिजेंद्र सिंह का कद बढ़ा
कांग्रेस की चिंता का एक और कारण ये भी है कि पार्टी से चार बार के पूर्व विधायक व पूर्व सांसद बिजेंद्र ङ्क्षसह ने सपा का झंडा थाम लिया है। किसान पंचायत के आयोजन में उनकी अहम भूमिका रही। टप्पल व खैर में उनका प्रभाव पहले से रहा है।
जिले में 20 मार्च के बाद कांग्रेस की किसान महापंचायत होगी। कांग्रेस ने ही किसानों के साथ सबसे पहले कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। किसान जानते हैं कि केंद्र सरकार को उखाडऩा है तो कांग्रेस को मजबूत करना होगा। किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंकी जाएगी। अब तक ऐसी किसान महापंचायत नहीं हुई होगी।
- चौ. सुरेंद्र सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष
हमने किसानों को बुलाया, वे आए। मंच पर सम्मानित किया। किसान 11 बजे से पांच बजे तक पंचायत में भूखे-प्यासे हमारे नेता अखिलेश यादव को सुनने के लिए रुके रहे। यह बदलाव की शुरुआत है। वर्तमान सरकार से किसानों को मोह भंग हो गया है। अब किसानों की उम्मीद सपा के साथ है। पंचायत में आए किसान भाइयों का समाजवादी पार्टी हार्दिक आभार व्यक्त करती है।
- गिरीष कुमार, सपा जिलाध्यक्ष