कोरोना काल में अपनों का 'दर्द' भूलकर फर्ज निभा रही खाकी, जानिए इनका दर्द Aligarh news

कोरोना के इस संकटकाल में योद्धा बनकर ड्यूटी पर डटे पुलिसकर्मियों के जहन में अपनों का दर्द छिपा हुआ है। किसी की मां बीमार है तो कोई अपने अस्वस्थ बच्चे को देखने के लिए तरस जाता है। कई पुलिसकर्मी खुद भी संक्रमित हुए तो कुछ ने करीबियों को खो दिया।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:07 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:49 AM (IST)
कोरोना काल में अपनों का 'दर्द' भूलकर फर्ज निभा रही खाकी, जानिए इनका दर्द Aligarh news
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने लोगों से संवेदी बनने और सहयोग करने की अपील की।

सुमित शर्मा, अलीगढ़ । कोरोना के इस संकटकाल में योद्धा बनकर ड्यूटी पर डटे पुलिसकर्मियों के जहन में अपनों का दर्द छिपा हुआ है। किसी की मां बीमार है तो कोई अपने अस्वस्थ बच्चे को देखने के लिए तरस जाता है। कई पुलिसकर्मी खुद भी संक्रमित हुए तो कुछ ने अपने करीबियों को खो दिया है। इस दर्द के साथ भी खाकी अपना फर्ज बखूबी निभा रही है।

घर में दो मौत, परिवार भी संक्रमित

थाना लोधा के प्रभारी अभय कुमार शर्मा के घर में दो मौतें हुई हैं। उनके छोटे भाई की पत्नी सहारनपुर में डाक्टर थीं, जिनका कोरोना से निधन हो गया। चुनाव के चलते जा भी नहीं पा पाए। इधर, गांव में तहेरे भाई की कोरोना से जान चली गई। अमरोहा में परिवार में चचेरे भाई व भाभी भी कोरोना संक्रमित हुए। वहीं लोधा थाने में एक हेड कांस्टेबल के दामाद का भी बीते दिनों निधन हो गया। ऐसे समय में अभय शर्मा ने न सिर्फ परिवार को संभाला, बल्कि ड्यूटी भी निभाई। 

खुद बीमार रहे, भाभी को खोया 

क्वार्सी थाना के इंस्पेक्टर छोटे लाल के बड़े भाई दिल्ली में पुलिस विभाग में हैं। 20 दिन पहले छोटे लाल की भाभी की तबीयत खराब हो गई थी। कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई। हालात खराब होने पर उन्हें अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन, आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गईं। इस घटना ने उन्हें काफी हद तक झकझोर दिया। इसके बावजूद ड्यूटी से नहीं डगमगाए। छोटे लाल कोरोना की पहली लहर में खुद भी 15 दिन बीमार रहे थे। 

मां हुईं बीमार, फोन से जानते रहे हाल 

15 दिन पहले बन्नादेवी थाना के इंस्पेक्टर धीरेंद्र मोहन शर्मा की मां बीमार हो गई थीं। निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। आक्सीजन की जरूरत पड़ी तो जैसे-तैसे इंतजाम हो सका। ड्यूटी सर्वोपरि थी। ऐसे में धीरेंद्र मेरठ में मां को देखने तो नहीं जा सके। लेकिन, मोबाइल फोन पर ही हाल जानते रहे। 

बेटे को हुई आक्सीजन की कमी 

गांधीपार्क थाना के इंस्पेक्टर हरिभान सिंह राठौर का बड़ा बेटा सात साल का है। बीते दिनों बेटे को सांस लेने में दिक्कत हुई। आक्सीजन लेवल 70-75 तक आ गया तो परिवार के लोग घबरा गए। बच्चे को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। आक्सीजन दिलाई, तब जाकर हालत में सुधार हुआ। लगातार बेटे से बात करके हौसला बढ़ाया और ड्यूटी भी की। फिलहाल बच्चा ठीक है। 

इनको कोरोना ने जकड़ा

कोरोना की दूसरी लहर में अब तक 70 से ज्यादा पुलिस जवान संक्रमित हो चुके हैं। इनमें सासनीगेट थाना प्रभारी गोविंद बल्लभ शर्मा को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इधर, गंगीरी थाना के प्रभारी रहे प्रमेंद्र कुमार भी कोरोना की चपेट में आए थे। फिलहाल ठीक हैं और स्वस्थ होकर फिर से मैदान में लौट आए हैं। उन्हें अब देहलीगेट थाने के जिम्मेदारी दी गई है। 

इनका कहना है 

पुलिसकर्मियों के लिए थानों व लाइन में बचाव व सुरक्षा के लिहाज से पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। दूसरी तरफ अवकाश भी फ्री कर रखे हैं, ताकि किसी को दिक्कत न हो। इस कठिन दौर में पुलिस सख्त होने के साथ संवेदनशील भी बनी हुई है। ऐसे में सबको मिलकर इस संकट की घड़ी का मुकाबला करना होगा, तभी दुख-दर्द कम होंगे। मैं लोगों से भी अपेक्षा करता हूं कि वे भी संवेदी बनें और सहयोग करें। 

- कलानिधि नैथानी, एसएसपी

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