राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सचिव जेआरके राव बोले, जुमे की नमाज के बाद हो सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार

अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को दिया जाए अधिक लोन।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Sep 2018 09:30 AM (IST) Updated:Sat, 08 Sep 2018 09:30 AM (IST)
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सचिव जेआरके राव बोले, जुमे की नमाज के बाद हो सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सचिव जेआरके राव बोले, जुमे की नमाज के बाद हो सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार

अलीगढ़ : राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सचिव जेआरके राव ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के लिए संचालित योजनाओं का धार्मिक स्थलों से जुमे की नमाज के बाद प्रचार-प्रसार किया जाए। पोलियो उन्मूलन का अभियान भी इसी तरह चल रहा है। अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को अधिक से अधिक लोन दिया जाए। अगर किसी के पास पैन या आधार नहीं है तो भी उसका खाता खोला जाए। वह यहां कमिश्नरी में अल्पसंख्यकों को मिलने वाले केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा में बोल रहे थे।

मंडल में हैं 18.96 फीसद अल्पसंख्यक

उन्होंने कहा कि मंडल में कुल 18.96 फीसद अल्पसंख्यक हैं। इसमें तीन लाख के करीब परिवार हैं। इस आबादी में अधिकांश शिक्षा का अभाव है। अधिकाश लोग अपनी पुश्तैनी दस्तकारी के व्यवसायों में काम करते हैं। सरकार अब ग्रामीण बैंकों द्वारा अनपढ़ अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को उनकी रुचि के अनुसार उद्योग स्थापना के लिए कर्ज दे रही है। एनआरएलएम में अधिक से अधिक महिलाओं को लाभ दिया जा रहा है। जिन बैंकों ने कर्ज की दूसरी किस्त रोकी है, तत्काल प्रभाव से जारी की जाए। डीएम को निर्देश दिए कि हर जिले से ऐसे चार-पांच बैंक अफसरों की सूची उपलब्ध कराई जाए, जो अल्पसंख्यकों को ऋण देने में अनावश्यक रोड़े अटका रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सीधे निलंबन की कार्रवाई की जाए।

राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने की जरूरत

जिला प्रशासन अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए योजनाओं तथा उद्यम स्थापना में विशेष रुचि लेते हुए राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करें। उन्होंने सभी जिलों के अफसरों से अलग-अलग योजनाओं की समीक्षा की। कमियां मिलने पर सुधार के निर्देश दिए। मंडलायुक्त अजयदीप सिंह ने कहा कि आयोग की अपेक्षाओं के हिसाब से ही सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए काम करें। लापरवाही करने पर कोई भी समझौता नहीं होगा। सामान्य जांच के आधार पर अल्पसंख्यक महिलाओं के ऋण स्वीकृत करने की कार्रवाई की जाए। इस मौके पर सभी जिलों के डीएम एवं सीडीओ मौजूद रहे।

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