Second wave of corona : जबड़े को जकड़ रहा ब्लैक फंगस Aligarh news
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज में ऐसे 11 मरीजों के जबड़े का आपरेशन करना पड़ा है। मंगलवार को हाथरस के एक मरीज के जबड़ा व तालू को आपरेशन कर अलग करना पड़ा। फिलहाल मररीज की हालत स्थिर है।
संतोष शर्मा, अलीगढ़ । कोरोना की दूसरी लहर में लोगों के लिए ब्लैक फंगस भी मुसीबत बना हुआ है। फंगस मरीजों के नाक, आंख ही नहीं जबड़ा व तालू को भी प्रभावित कर रहा है। मरीजों को जबड़ा व तालू से हाथ धोना पड़ रहा है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज में ऐसे 11 मरीजों के जबड़े का आपरेशन करना पड़ा है। मंगलवार को हाथरस के एक मरीज के जबड़ा व तालू को आपरेशन कर अलग करना पड़ा। फिलहाल मररीज की हालत स्थिर है।
जेएन मेडिकल कालेज में 11 मरीजों के जबडे़ का आपरेशन
हाथरस के मुरसान गेट लाल बेहरव मंदिर के पास रहने वाले अनिल कुशवाह काफी दिन पहले ब्लैक फंगस से संक्रमित हुए थे। इनका जेएन मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा था। एक सप्ताह पहले डाक्टरों देखा तब इनके ऊपर के जबड़े के दो दांतों में फंगस था। पस भी आ रहा था। दवा से लाभ होने की बजाय संक्रमण बढ़ता ही गया। इसके बाद एएमयू के डेंटल कालेज के ओरल एंड मैग्जीलोफेशियल सर्जरी डिपार्टमेंट के चिकित्सकों के आपरेशन की जिम्मेदारी दी गई। प्रो. जीएस हासमी की अगुवाई में डाक्टरों ने मंगलवार को अनिल के ऊपर के जबड़े का आपरेशन किया। दो घंटा तक चले आपरेशन के दौरान अनिल के आठ दांत के हिस्से वाला जबड़ा काटकार निकालना पड़ा। तालू भी फंगस की चपेट में आ चुका थ। डाक्टरों को आधा तालू भी काटना पड़ा। आपरेशन करने वाली टीम में टीम में डा. मोहम्मद दानिश, डा. अब्दुस समी, डा. अनुप्रिया, डा. रिजवान, फाइजा व नाजिश भी शामिल थे।
पूरा जबड़ा ही निकालना पड़ा
जेएन मेडिकल कालेज में ब्लैक फंगस के 40 से अधिक मरीजों का इलाज हो चुका है। इनमें अधिकांश मरीजों का आपरेशन भी हुआ। किसी की आंख से डाक्टरों ने फंगस को आपरेशन कर निकाला तो किसी नाक से। फंगस यही तक नहीं रुक रहा है। जबड़े को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। सबसे अधिक ऊपर वाला जबड़ा ज्यादा संक्रमित हुआ है। एक मरीज का तो पूरा जबड़ा ही निकालना पड़ा। बीस मरीज अभी भर्ती हैं।
एक मरीज की मौत, एक आंख की रोशनी गई
मेडिकल कालेज में ब्लैक फंगस से एक मरीज की मौत हो चुकी है। जबिक एक मरीज की आंख की रोशनी चली गई। फंगस से बुरी तरह खराब हो चुकी इस मरीज की आंख को डाक्टरों को निकालना पड़ा था।
इनका कहना है
ब्लैक फंगस नाक व मुंह के जरिए इंसान के शरीर में प्रवेश करता है। जो धीरे-धीरे नाक, आंख, ऊपर के जबड़ा को प्रभावित करता है। मरीजों के इलाज के लिए अलग-अलग विभाग के विशेषज्ञ लगाए गए हैं। कई मरीजों के सफल आपरेश हो चुके हैं।
- प्रो. शाहिद अली सिद्दीकी, प्रिंसिपल जेएन मेडिकल कालेज