अलीगढ़ समेत सूबे के सभी विकास प्राधिकरणों के सील निर्माणों पर बैठी जांच, जानिए मामला Aligarh news
अलीगढ़ समेत सूबे के सभी विकास प्राधिकरणों में 2017 के बाद सील निर्माणों पर शासन स्तर से जांच बैठा दी गई है। कुछ विकास प्राधिकरणों से अभियंताओं पर मनमाने तरीके से भवन सील करने के आरोप लगे थे। अब शासन स्तर से जांच कराने का फैसला लिया गया है।
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । अलीगढ़ समेत सूबे के सभी विकास प्राधिकरणों में 2017 के बाद सील निर्माणों पर शासन स्तर से जांच बैठा दी गई है। कुछ विकास प्राधिकरणों से अभियंताओं पर मनमाने तरीके से भवन सील करने के आरोप लगे थे। ऐसे में अब शासन स्तर से जांच कराने का फैसला लिया गया है। प्रदेश भर में करीब दो हजार से अधिक निर्माणों की जांच हो रही है। इसमें अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के भी 104 निर्माण शामिल हैं। मंडलायुक्त के स्तर से इसकी विस्तृत जांच रिपोर्ट शासन में जानी है।
शासन में हुई थी शिकायत
पिछले दिनों मेरठ व अन्य कई विकास प्राधिकरणों से अवैध तरीके से निर्माणों को सील करने को लेकर शासन स्तर में शिकायते हुई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि मनमाने तरीके से अभियंता सीलिंग कर रहे हैं। इसी के चलते अवैध निर्माण का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। हालांकि, अलीगढ़ विकास प्राधिकरण से ऐसी कोई भी शिकायत शासन में नहीं हुई थी। हालांकि, अन्य विकास प्राधिकरणों की शिकायत के आधार पर आवास विकास विभाग ने अलीगढ़ समेत सूबे के सभी विकास प्राधिकरणो में जांच के आदेश कर दिए गए हैं। इसमें 2017 के बाद सीलिंग के सभी निर्माणों को रखा गया है। इस आदेश के बाद प्राधिकरण में खलबली मच गई है। अब सभी फाइलों को तलब किया गया है।
104 निर्माणों की हो रही है जांच
इस आदेश के बाद प्राधिकरण ने आवासीय और व्यवसायिक दोनों प्रकार के कुल 104 निर्माण सील होने की जानकारी पिछले दिनों शासन में भेज दी थी, लेकिन शासन स्तर से इसके बाद एक और नोटिस आ गया है। इसमें कहा गया कि शासन यह करना चाहता है कि प्राधिकरणों ने जो निर्माण सील किए हैं, वह न्यायसंगत है या नहीं। कोई निर्माण अभियंताओं की मनमानी के चलते जबरन सील तो नहीं किया गया। ऐसे में इन फाइलों के सत्यापन की जिम्मेदारी मंडलायुक्त को मिली है। मंडलायुक्त ने अपर आयुक्त कंचन सरन को इसके लिए अधिकृत किया गया है। यहां से कुल 104 निर्माणों की जांच हो रही है।
इन प्राधिकरणों में हो रही है जांच
अलीगढ़ के साथ ही अयोध्या, वाराणसी, राय बरेली, सहारनुपर, गाजियाबाद, प्रयागराज, कानुपर, मुरादाबाद, लखनऊ, झांसी, बरेली, गोरखपुर, आगरा व मथुरा वृंदावन शामिल हैं। सबसे अधिक निर्माण गाजियाबाद, प्रयागराज व वाराणसी के हैं।
इनका कहना है
अपर आयुक्त को सीलिंग के मामलों की जांच की जिम्मेदारी दी गई है। जल्द ही रिपोर्ट बनाकर शासन में भेज दी जाएगी। मेरठ की शिकायत के बाद शासन से सभी विकास प्राधिकरणों में जांच का फैसला लिया गया है।
गौरव दयाल, मंडलायुक्त, अलीगढ़ मंडल