अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश : तीन साल से थे सक्रिय, दिल्ली से लेकर मुंबई के लोगों को ठगा Aligarh News

साइबर थाना पुलिस ने पालिसी रिफंड कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह गाजियाबाद से आपरेट हो रहा था। ये लोग तीन साल से सक्रिय थे।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 08:10 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 08:10 AM (IST)
अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश : तीन साल से थे सक्रिय, दिल्ली से लेकर मुंबई के लोगों को ठगा Aligarh News
चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह गाजियाबाद से आपरेट हो रहा था।
अलीगढ़, जेएनएन। साइबर थाना पुलिस ने पालिसी रिफंड कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह गाजियाबाद से आपरेट हो रहा था। ये लोग तीन साल से सक्रिय थे। दिल्ली से लेकर मुंबई तक के लोगों को इन्होंने निशाना बनाया था। अभी गिरोह के कई सदस्यों की पुलिस को तलाश है।
पुलिस ने ऐसे पकड़े साइबर ठग
29 दिसंबर 2020 को सिविल लाइन थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन कालोनी निवासी सेक्शन इंजीनियर (मुरादाबाद) अतर सिंह के साथ ठगी हुई थी। शातिर ने लाइफ इंश्योरेंस मुंबई आफिस से कस्टकर केयर बनकर उन्हें काल किया था। कहा कि आपकी पालिसी मेच्योर है। कुछ रिफंड बकाया है। इसका लालच देकर आनलाइन एक लाख 80 हजार 999 रुपये की ठगी कर ली। साइबर थाना पुलिस ने संदीप गुप्ता निवासी सेक्टर दो वैशाली (गाजियाबाद) मूल निवासी कैउटरा रेलवे क्रासिंग (बांदा), तारिक निवासी त्रिलोकपुरी ईस्ट दिल्ली मूल निवासी घोड़े वाली गली थाना देहलीगेट (मेरठ), हिमांशु शेखर निवासी सेक्टर दो वैशाली (गाजियाबाद) मूल निवासी विद्यापति नगर मधुबनी (बिहार) व अदनान अख्तर निवासी राजीव नगर (दिल्ली) मूल निवासी सरधना (मेरठ) को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपित तीन साल से लगातार ठगी कर रहे थे। इनके रडार पर दिल्ली, नोएडा के अलावा मुंबई के लोग भी रहते थे।
काल सेंटर से लेते थे डाटा
हिमांशू, अदनान व संदीप तीनों पहले काल सेंटर में काम करते थे। ऐसे में इनके पुराने लिंक में हैं। इसी के जरिये लोगों को डाटा लेते थे। फिर उन्हें ठगते थे। अदनान लोगों को फोन करता था।
पालिसी मेच्योर कस्टमर को बनाते थे निशाना
एसएसपी मुनिराज ने बताया कि यह गिरोह तीन साल से सक्रिय है। इनके गिरोह में अन्य कई लोग शामिल हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। गिरोह के सदस्य उन कस्टमर को निशाना बनाते थे, जिनकी पालिसी मेच्योर होती हैं। उन्हें रिफंड कराने का लालच देकर आसान में झांसे में ले लेते थे।
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