अलीगढ़ में आक्सीजन प्लांट पर बिचौलियों के खेल का भंडाफोड़

आक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। आक्सीजन की कमी से लोगों की जानें जा रही हैं। ऐसे में कोई आक्सीजन की कालाबाजारी कर रहा है तो इससे बड़ा अपराध कोई हो नहीं सकता।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 11:43 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 11:43 PM (IST)
अलीगढ़ में आक्सीजन प्लांट पर बिचौलियों के खेल का भंडाफोड़
अलीगढ़ में आक्सीजन प्लांट पर बिचौलियों के खेल का भंडाफोड़

जासं, अलीगढ़ : आक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। आक्सीजन की कमी से लोगों की जानें जा रही हैं। ऐसे में कोई आक्सीजन की कालाबाजारी कर रहा है तो इससे बड़ा अपराध कोई हो नहीं सकता। ऐसा ही मामला कासिमपुर स्थित राधा इंड्रस्ट्रियल गैस प्लांट पर सामने आया है। प्लांट की संचालिका ने कलक्ट्रेट के बाबू पीयूष साराभाई, दीपक व समीर पर आरोप लगाते हुए जवां थाने में तहरीर दी है। मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। मजिस्ट्रेट जांच होगी।

कासिमपुर स्थित राधा इंड्रस्ट्रियल गैस प्लांट में हवा से आक्सीजन बनाई जाती है। पिछले दिनों यहां के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें कुछ बाहरी लोग प्लांट पर व्यवस्था संभालते दिख रहे हैं। कुछ लोग इन पर कालाबाजारी करने का भी आरोप लगा रहे थे। दैनिक जागरण ने इन खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया। गुरुवार को एमएलसी मानवेंद्र सिंह, बरौली विधायक दलवीर सिंह के नाती विजय उर्फ पप्पू प्लांट पर पहुंचे। प्लांट संचालिका आस्था अग्रवाल ने कैमरे के सामने बताया कि तीन लोग उनके प्लांट पर आए। इनमें एक सरकारी कर्मचारी व दो अन्य लोग थे। ये प्रशासनिक व्यवस्था संभालने की बात कहने लगे। दो दिन मामला ठीक रहा। शुरुआत में कुछ अपने लोगों को सिलिडर दिलवाए। इससे ज्यादा फर्क नहीं था। तीसरे दिन प्लांट में 50 फीसद की हिस्सेदारी मांगने लगे। उन्होंने इन्कार किया तो अभद्रता करने लगे और लोगों को जबरन प्लांट के अंदर घुसा दिया। पूरा मामला सिटी मजिस्ट्रेट के सामने रखा गया। उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रशासनिक व्यवस्था संभाल रहा है तो अच्छी बात हैं, लेकिन उसके साथ पैसे का लेन-देन नहीं करना है। इसके बाद भी वे चहेतों को गैस देते रहे। एमएलसी व विधायक पौत्र ने आस्था अग्रवाल से तहरीर लिखवाई। लिपिक पीयूष साराभाई का कहना है कि इस मामले से उसका कोई लेना देना नहीं है। उसकी तो प्लांट पर ड्यूटी लगाई गई थी, जिसे उसने पूरी जिम्मेदारी से निभाया। प्लांट मालिक व दोनों बाहरी लोगों की पहले से ही दोस्ती थी। सिलिडर का पूरा रिकार्ड है। कोई कालाबाजारी नहीं हुई।

दूसरा पक्ष यह भी : इस पूरे मामले का एक दूसरा पक्ष भी है। जानकार बताते हैं कि प्लांट में हर दिन करीब 400 सिलिडर उत्पादन की क्षमता है, लेकिन पिछले काफी समय से प्लांट मालिक की ओर से हर दिन दो सौ सिलिडर के उत्पादन की ही जानकारी दी जा रही थी। प्रशासन की तरफ से जब एक कर्मचारी को यहां तैनात कर दिया गया तो मामले की पोल खुल गई है।

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प्लांट की देखभाल के लिए

लगाया गया था : सांसद

सांसद कुमार गौतम ने कहा है कि पिछले दिनों राधिका आक्सीजन प्लांट में तोड़फोड़ हो गई थी। इसे देखते हुए पर अन्य लोगों को लगाया गया था, जिससे आक्सीजन सुचारू रुप से मिलती रहे। सांसद ने कहा कि वे शुक्रवार को प्लांट पर जाएंगे। कहीं अव्यवस्था मिली तो उसे ठीक कराएंगे। आरोपित कैसे तैनात किए गए, इस बारे में जानकारी नहीं दे सके।

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प्रशासन पर कालाबाजारी

करने का लगाया आरोप

भाजयुमो जिलाध्यक्ष मुकेश लोधी ने प्रशासन पर आक्सीजन की कालाबाजारी करने का आरोप लगाया है। इसमें सिटी मजिस्ट्रेट भी शामिल हैं, इसलिए सभी अस्पतालों को आक्सीजन नहीं मिल पा रही है। व्यवस्था के नाम पर लूट मची हुई है।

सीएम से की शिकायत : एमएलसी डा. मानवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि राधिका आक्सीजन प्लांट के प्रकरण के बारे में उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को बता दिया है। इस महामारी के समय जो भी गलत कार्य करेगा वो बख्शा नहीं जाएगा।

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एसडीएम कोल को जांच दी गई है। तीन दिन में आख्या मांगी गई है। आख्या आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। आक्सीजन को लेकर प्रशासन गंभीर है।

अंकित खंडेलवाल, सीडीओ

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नहीं मिलती है आक्सीजन

कांग्रेसी नेता आगा युनूस ने बताया कि दो दिन पहले सर सैयद नगर से एक युवक अपनी मां के लिए आक्सीजन सिलिडर भरवाने गया था। वहां रात 11 से सुबह छह बजे तक कोई नहीं मिला। युनूस ने कहा कि राधिका प्लांट पर तैनात अधिकारी प्रशासन की ओर से जारी सर्कुलर को ही नहीं मान रहे हैं। वह कागज दिखाने के बाद भी आक्सीजन नहीं देते हैं।

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