Ineligible Ration Card : 150 लखपति किसानों के राशन कार्ड निरस्त, विस्तार से जानिए मामला Aligarh News
साल भर में तीन लाख से अधिक का गेहूं सरकारी केंद्रों पर बेचने वाले अपात्र किसानों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। पूर्ति विभाग की टीम ने यह कार्रवाई की है। जिले भर में ऐसे करीब 150 अपात्र किसानों के राशन कार्ड निरस्त हुए हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। साल भर में तीन लाख से अधिक का गेहूं सरकारी केंद्रों पर बेचने वाले अपात्र किसानों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। पूर्ति विभाग की टीम ने यह कार्रवाई की है। जिले भर में ऐसे करीब 150 अपात्र किसानों के राशन कार्ड निरस्त हुए हैं। यह अपात्र होने के बाद भी सरकारी दुकानों से मुफ्त राशन ले रहे थे।यह है वजह
सरकारी राशन की दुकानों पर कार्ड धारकों को सस्ते दामों में राशन दिया जाता है। कोरोना से पहले महीने में एक बार राशन बंटता था। इसमें पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को पांच किलो प्रति यूनिट व अंत्योदय कार्ड धारकों को एक मुश्त 35 किलो राशन मिलता था। दो रुपये प्रति किलो गेहूं व तीन रुपये प्रति किलो चावल की कीमत निर्धारित है। अब कोरोना काल में सरकार महीने में दो बार मुफ्त राशन बांट रही है। इसमें एक बार केंद्र तो दूसरी बार प्रदेश सरकार राशन देती है। पिछले दिनों सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए आय प्रमाण पत्र अनिवार्यता कर दी है। इसमें देहात क्षेत्र में अधिकतम दो लाख व शहरी क्षेत्र में तीन लाख तक सालना आय का मानक निर्धारित किया गया, लेकिन प्रदेश में बड़े स्तर पर अपात्र राशन पा रहे हैं। सूबे में पिछले दिनों ऐसे ही करीब 63991 संदिग्ध कार्ड धारक चिह्नित हुए। इन संदिग्ध राशन कार्ड धारकों ने इस साल ही सरकारी केंद्रों पर तीन लाख से अधिक का गेहूं बेचा था। ऐसे में सरकार का आशंका थी कि यह अपात्र होने के बाद भी राशन पा रहे हैं।
सभी कार्ड हुए निरस्त
इस संदिग्ध कार्ड में 150 लाभार्थी अलीगढ़ के भी शामिल थे। विभागीय अफसरों ने इनकी पड़ताल कराई। अलग-अलग कार्ड धारक की जांच के लिए टीमों का भेजा। इसमें बिंदुवार जांच की गई। इसमें सभी कार्ड धारक अपात्र मिला। अब इनके कार्ड को निरस्त कर दिया गया है।
शासन स्तर से अलीगढ़ समेत सूबे के सभी जिलों को संदिग्ध राशन कार्ड धारकों की सूची भेजी गई है। जिले के 150 कार्ड को जांच के बाद निरस्त कर दिया है। इन सभी ने इस वित्तीय वर्ष में तीन लाख से अधिक का गेहूं बेचा है।
राजेश कुमार सोनी, जिला पूर्ति अधिकारी