Increasing Water In Ganga Yamuna : अलीगढ़ में 28 गांवों की 17 हजार आबादी पर बाढ़ का खतरा Aliagrh News

इस बार भी गंगा-यमुना किनारे बसे 28 गांवों की 17 हजार आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। चार-पांच दिन से दोनों नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 09:24 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 08:10 AM (IST)
Increasing Water In Ganga Yamuna : अलीगढ़ में 28 गांवों की 17 हजार आबादी पर बाढ़ का खतरा Aliagrh News
Increasing Water In Ganga Yamuna : अलीगढ़ में 28 गांवों की 17 हजार आबादी पर बाढ़ का खतरा Aliagrh News

अलीगढ़ [जेएनएन]: इस बार भी गंगा-यमुना किनारे बसे 28 गांवों की 17 हजार आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। चार-पांच दिन से दोनों नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है। प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की तैयारी कर ली है। जिले की सीमा में होकर गंगा, यमुना, काली व नीम नदी बह रही हैैं। मानसून के समय अत्यधिक वर्षा अथवा बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा व यमुना में बाढ़ की स्थिति बनती है। 2013 में जिले में अंतिम बार बाढ़ आई थी। इसमें करीब एक दर्जन गांवों के हजारों लोगों प्रभावित हुए थे। 

बढ़ रहा खतरा

 यमुना नदी में 200 मीटर व गंगा में 178 मीटर जलस्तर पहुंचने पर खतरा बढ़ जाता है। पहाड़ों पर बारिश होने से गंगा-यमुना में पानी का स्तर बढऩे लगा है। गुरुवार को प्रशासनिक रिकॉर्ड के अनुसार गंगा में 177 व यमुना में 195 मीटर पानी रिकॉर्ड किया गया। गंगा में पानी घटने की ओर है, मगर यमुना में बढ़ रहा है। अलीगढ़ में अभी ज्यादा बारिश नहीं हुई है। 

गंगा किनारे 16 गांव

 अलीगढ़ में तहसील अतरौली के गांव दीनापुर, गनेशपुर, सांकरा, अलिया नगला, किरतौली से सटकर गंगा निकलती है। गंगा में बाढ़ आने से 16 गांव प्रभावित होते हैं। कई गांव तो मुश्किल से 250 मीटर की दूरी पर ही बसे हैं। 

यमुना से दो गांवों को ज्यादा खतरा 

यमुना किनारे खैर तहसील के गांव महाराजगढ़ व शेरपुर बसे हैैं। इन दोनों गांवों में बाढ़ का सबसे अधिक खतरा रहता है। 

हेलीकॉप्टर लैंङिग स्थल तय : बाढ़ के दौरान आपातकाल में राशन सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर लैैंङ्क्षडग के लिए स्थान तय हो गए हैं। 

बाढ़ नियंत्रण के लिए सभी तहसीलों को उपकरण बांट दिए गए हैं। बाढ़ चौकी, शरणालय स्थल व नोडल अधिकारी नामित हो चुके हैं। नाविकों व गोताखोरों की सूची बन चुकी है। 24 घंटे कंट्रोल रूम संचालित हैं। नदियों में पानी का स्तर और बढ़ता है तो किनारे के गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।

विधान जायसवाल, एडीएम वित्त  

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