बढ़ रही पेंडेंसी, किसी दारोगा पर 40 विवेचनाएं तो किसी पर मात्र एक Aligarh news
जिलेभर के थानों में विवेचनाओं की पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। एसएसपी ने इसकी समीक्षा की तो पता चला कि किसी दारोगा पर 40 विवेचनाएं हैं तो किसी के पास महज एक ही विवेचना है। कई पर अनावश्यक भार भी है।
अलीगढ़, जेएनएन । जिलेभर के थानों में विवेचनाओं की पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। एसएसपी ने इसकी समीक्षा की तो पता चला कि किसी दारोगा पर 40 विवेचनाएं हैं, तो किसी के पास महज एक ही विवेचना है। कई पर अनावश्यक भार भी है। इसे लेकर एसएसपी ने सख्ती दिखाते हुए दो दिन के अंदर इस अनुपात को सही करने और थानों में विवेचना दिवस मानकर मामलों को निपटाने के अंदर निर्देश दिए हैं। इस पर अमल करते हुए शनिवार को ही थानों में कामकाज शुरू भी हो गया।
तीन प्रतिशत से अधिक न हो पेंडेंसी
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा था कि किसी भी थाने में तीन प्रतिशत से ज्यादा पेंडेंसी नहीं होनी चाहिए। शुक्रवार को इसकी समीक्षा की गई तो सीसीटीएनएस से मिले आंकड़े चौकाने वाले थे। दारोगा पर मुकदमों की विवेचना का भार बिगड़ा हुआ था। किसी के पास दर्जनों विवेचनाएं थीं, जबकि नए दारोगा खाली ही थे। कुछ दारोगा स्थानांतरण के बाद भी उसी थाने की विवेचना में लगे हुए हैं। इस पर एसएसपी ने कहा कि जिसके पास सबसे अधिक विवेचना है, उसकी विवेचना आधी करके नए दरोगा को दी जाएं। जो दरोगा थाने पर तैनात नहीं हैं, जनकी विवेचनाएं भी किसी अन्य दारोगा को आवंटित की जाएं। किसी भी भार न हो। विवेचनाओं का सही अनुपात में वितरण किया जाए। एसएसपी ने दो दिन के अंदर सभी सीओ को यह व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। दो दिन बाद सीसीटीएनएस के माध्यम से देखा जाएगा कि किस थाने द्वारा कितनी चार्जशीट या अंतिम रिपोर्ट लगाई गई है।
अनावश्यक एफआर न लगाएं
एसएसपी ने कहा कि जिन थानों में पेंडिंग विवेचना तीन प्रतिशत से ज्यादा या 150 से अधिक हैं, वह पेंडेंसी कम करें। अनावश्यक एफआर लगा कर विवेचना समाप्त न करें। जल्द मेडिकल रिपोर्ट, विधि विज्ञान प्रयोगशाला से रिपोर्ट, विधिक राय आदि प्राप्त कर निस्तारित करें। किसी भी मामले में निर्दोष व्यक्ति प्रताड़ित न हो। विवेचना में फर्जी पाए गए मामलों को भी जल्द निपटाएं।
ग्रुप डिसकशन करें दारोगा
शनिवार व रविवार को सुबह 10 से शाम चार बजे तक थानों पर मेज लगाकर विवेचना दिवस मनाया जाएगा। इसके लिए थानों पर सभी विवेचक परस्पर विचार-विमर्श करते हुए सात साल से कम सजा की धारा वाली विवेचनाओं का निस्तारण सुनिश्चित करवाएंगे। अक्सर देखने में आता है कि मात्र एक या दो केस डायरी लिखना शेष होती हैं, जिस कारण विवेचना लंबित रहती है और वादी परेशान होता है। एसएसपी ने आदेश दिया कि थानों में सभी दरोगा या विवेचक ग्रुप डिस्कशन अवश्य करें। बहुत सी भ्रांतियां या ज्ञान की कमी ग्रुप डिस्कशन से दूर हो जाती हैं और विवेचना में गुणवत्ता आती हैं। इस दौरान थानाध्यक्ष व सीओ लीडरशिप प्रदान करें।