कर न चुकाने वाले सात जिलों के 15 लोगों की संपत्तियां बेचेगा आयकर विभाग
एटा, हाथरस, कासगंज, कन्नौज, फरुखाबाद, मैनपुरी व अलीगढ़ से जुड़े इन लोगों के विरुद्ध टैक्स रिकवरी ऑफीसर ने रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कर दिए हैैं।
अलीगढ़ (मनोज जादौन)। आयकर विभाग अलीगढ़ अपने दायरे के सातों जिलों के कुल 15 लोगों की अचल संपत्तियों की नीलामी करेगा। एटा, हाथरस, कासगंज, कन्नौज, फरुखाबाद, मैनपुरी व अलीगढ़ से जुड़े इन लोगों के विरुद्ध टैक्स रिकवरी ऑफीसर ने रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कर दिए हैैं। सबसे ज्यादा पांच मामले अलीगढ़ के हैैं। इन्होंने वित्तीय वर्ष 2000-01 से 2017-18 तक का टैक्स नहीं चुकाया है। बकाया रकम एक लाख रुपये से लेकर 86 लाख रुपये तक बताई जा रही है।
सख्त हुआ सीबीडीटी का रवैया
बकाया टैक्स नहीं चुकाने वालों के प्रति केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का रवैया काफी सख्त हो चला है। बोर्ड के निर्देश पर टैक्स रिकवरी ऑफीसर (टीआरओ) ने बकाएदारों की संपत्तियों की जानकारी जुटाई है। सूत्र बताते हैैं कि अप्रैल-18 में ही 15 लोगों की संपत्तियां चिह्नित कर ली गई थीं। इनके नक्शे भी इंस्पेक्टर के जरिये बनवा लिए गए हैैं। संपत्ति जब्त करने को लेकर कारण बताओ नोटिस भेजे गए, मगर कोई जवाब नहीं मिला। अब संपत्तियों की बिक्री की प्रक्रिया शुरू की गई है।
अपील का भी मौका गंवाया
आयकर एक्ट के मुताबिक वार्ड के आयकर अधिकारी ने किसी केस को टीआरओ के लिए रेफर किया तो एक मौका आयकर आयुक्त अपील के न्यायालय में मिल सकता है। शर्त यह कि बकाया टैक्स की 20 फीसद राशि नोटिस की अवधि तक चुकानी होगी। इसके बाद हाईकोर्ट से ही कोई राहत संभव होगी।
ऐसे हैैं मामले
बैंक अकाउंट में 10 लाख रुपये नकद जमा व निकासी वाले केस, छह साल तक के पुराने मामलों को री-ओपन करना, सहायक निदेशक जांच द्वारा जुटाई गई गोपनीय सूचना, तहसील में प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री की और आयकर की कार्रवाई या नोटिस का जवाब नहीं दिया।
जानबूझकर आयकर न चुकाने वाले हो सकते हैं गिरफ्तार
टैक्स रिकवरी ऑफीसर को तमाम अधिकार हासिल हैैं। मसलन, जानबूझकर टैक्स न चुकाने वालों को मौके से गिरफ्तार भी किया जा सकता है। रिपोर्ट भी दर्ज कराई जा सकती है। 2004 में अलीगढ़ के टीआरओ अरविंद त्रिवेदी ने अलीगढ़ के एक ऐसे ही केस में आयकरदाता को गिरफ्तार कराकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
नीलामी की प्रक्रिया शुरू
टैक्स रिकवरी अॉफीसर अंजनेश मित्तल ने बताया कि आयकर विभाग के नोटिस को कर न चुकाने वालों ने नजरअंदाज किया है। प्रथम चरण में 15 लोगों की प्रॉपर्टी चिह्नित की गई है। इसे नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।