Lecture : एनईपी-2020 में प्राथमिक शिक्षा से उच्च शिक्षा तक सभी बिंदुओं का समावेश Aligarh news
मंगलायतन विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय एनईपी -2020 और इसके प्रभाव रहा। जिसके पैनल विशेषयज्ञ प्रो. आरके शर्मा रहे। कार्यशाला में वक्ताओं ने इस विषय पर अपने -अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।
अलीगढ़, जेएनएन । मंगलायतन विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय "एनईपी -2020 और इसके प्रभाव" रहा। जिसके पैनल विशेषज्ञ प्रो. आरके शर्मा रहे। कार्यशाला में वक्ताओं ने इस विषय पर अपने-अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।
हर व्यक्ति को साक्षर करना है उद़देश्य
अमित कुमार उपाध्याय ने कहा कि एनईपी-2020 शिक्षा का वैश्वीकरण है। जिसमें प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के सभी बिंदुओं का समावेश है। दीपांशु गर्ग ने एनईपी-2020 के मुख्य तत्वों को विस्तार से बताया। प्रति व्यक्ति को साक्षर करना ही इस योजना का उद्देश्य है। मोहन माहेश्वरी ने कहा कि एनईपी-2020 में ड्रॉप आउट विद्यार्थियों, सीखने की प्रक्रिया आदि विषयों पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ संतोष कुमार गौतम ने बताया कि वर्तमान समाय इंटरनेट का है, इसलिए नई शिक्षा नीति में ऑनलाइन शिक्षा के स्वरूप का विस्तार किया गया है। मूक्स, स्वयम और दीक्षा से किए जाने वाले कोर्स के बारे में उन्होंने बताया। डॉ अंकुर कुमार अग्रवाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति बच्चे के सर्वांगीण विकास पर भी जोर देती है। साथ ही उन्होंने विभिन्न स्तर पर शिक्षा के लिए गठित बोर्डों के बारे में बताया।
स्किलफुल एजुकेशन पर जोर
प्रभात बंसल ने कहा कि एनईपी - 2020 में स्किलफुल एजुकेशन पर जोर दिया गया है। विलास फाल्के ने नई शिक्षा नीति के फायदे और नुकसान बताए। संचालन कार्यक्रम सह-समन्वयक मनीषा उपाध्याय ने किया। समन्वयन डॉ स्वाति अग्रवाल और सह-समन्वयन डॉ सोनी सिंह का रहा। इस दौरान प्रो उल्लास गुरूदास, डॉ दीपशिखा सक्सेना, डॉ सुलभ चतुर्वेदी, डॉ जीवन कुमार, धीरेश उपाध्याय, जितेंद्र कुमार, अनुराधा यादव, पूनम गुप्ता, मयंक जैन, उदय सिंह आदि मौजूद थे।